राजस्थान के कोटा जिले में विश्वस्तरीय पर्यटनस्थल विकसित किये जा रहे हैं. इसी क्रम में चंबल नदी के तट पर चंबल रिवर फ्रंट विकसित किया जा रहा है. जिसके मुख्य आकर्षण का केंद्र चंबल माता की विशाल प्रतिमा होगी, जो अब बनकर तैयार हो गई है.
नगरीय विकास एवं स्वायत शासन मंत्री शांति धारीवाल के निर्देशन में कोटा में विश्वस्तरीय पर्यटनस्थल विकसित किये जा रहे हैं. इन विकास कार्यों का मंत्री द्वारा प्रत्येक दिन के कार्यों एवं प्रस्तावित भव्य उद्घाटन समारोह के आयोजन को लेकर लगातार चर्चा कर तैयारी को अंतिम रूप देने का प्रयास किया जा रहा है. नगर विकास न्यास ओएसडी आरडी मीना, सचिव राजेश जोशी अंतिम चरण के चल रहे कार्यों की लगातार समीक्षा कर रहे हैं.
हर रोज होगी संध्याकालीन चंबल माता की आरती
चंबल रिवर फ्रंट पर सबसे ज्यादा आकर्षण का केंद्र बनने वाली 242 फीट की दुनिया की सबसे ऊंची चंबल माता की प्रतिमा बनकर तैयार हो गई हैं. सचिव राजेश जोशी ने बताया कि प्रतिमा में वियतनाम मार्बल का उपयोग किया गया हैं. करीब 1500 पीस में प्रतिमा का निर्माण कर स्थापित कर दिया गया है. प्रतिमा के आसपास लगी स्ट्रक्चर को एक-दो दिन में हटा दिया जाएगा. इसके बाद प्रतिमा के पास इंस्टॉल किए गए भारी क्षमता के पंप का टेस्टिंग की जॉयगी. भव्य उद्घाटन के साथ ही चंबल माता की संध्याकालीन आरती हर रोज की जायेगी.
7 लाख 60 हज़ार लीटर प्रत्येक घंटे में कलश से गिरेगा पानी
चंबल माता की प्रतिमा से जल का प्रवाह भी आकर्षण का केंद्र बनेगा. प्रतिमा के ठीक नीचे 5 हाथियों की प्रतिमायें स्वागत करते नजर आयेगी. नगर विकास न्यास इंजीनियर ललित मीणा ने बताया कि प्रतिमा के कलश से होने वाला जल प्रवाह पर्यटकों को आकर्षित करेगा इसके लिए हाई, हेड 75 एचपी के चार समरसेबल पंप इंस्टॉल किए गए हैं 450 एमएम करीब डेढ़ फीट चौड़े 2 पाइपों के जरिए आधुनिक पावरफूल पम्प की सहायता से प्रतिमा के शीर्ष तक पानी को पहुंचाया जाएगा. प्रतिमा के कलश से प्रत्येक घंटे में 7 लाख 60 हजार लीटर पानी प्रवाहित होगा, जो रीसाईकिल होकर वापस पंपों के जरिए कलश से गिरेगा. उन्होंने बताया कि जैसे ही प्रतिमा के आसपास लगे स्ट्रक्चर को हटाया जाएगा उसके बाद पंपों की टेस्टिंग की जाएगी. चंबल माता की प्रतिमा पर आकर्षक लाइटिंग भी की जॉयगी.