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Rajasthan: झालावाड़ में सुरेंद्र मेवाड़ा हत्याकांड में आरोपी तीन लोग गिरफ्तार, पुलिस ने किया मर्डर की वजह का खुलासा 

पुलिस जांच में सामने आया कि इस हत्याकांड की जड़ें पुरानी रंजिश से जुड़ी थीं. मुख्य अभियुक्त ललित स्वामी और सुरेंद्र मेवाड़ा के बीच पूर्व में कई बार झगड़े हुए थे. बताया जा रहा है कि सुरेंद्र ने पहले ललित के साथ तीन बार मारपीट की थी, जिससे नाराज होकर ललित ने अपने साथियों के साथ मिलकर वारदात को अंजाम दिया.

Rajasthan: झालावाड़ में सुरेंद्र मेवाड़ा हत्याकांड में आरोपी तीन लोग गिरफ्तार, पुलिस ने किया मर्डर की वजह का खुलासा 
पुलिस की गिरफ्त में आरोपी

Jhalawar News: झालावाड़ पुलिस ने सुरेंद्र मेवाड़ा हत्याकांड के तीनों मुख्य अभियुक्तों को आज सुबह गिरफ्तार कर लिया है. इस सनसनीखेज वारदात के खुलासे की पुष्टि जिला पुलिस अधीक्षक ऋचा तोमर ने की. उन्होंने बताया कि गहन पड़ताल और व्यापक सर्च ऑपरेशन के बाद तीनों आरोपियों को दबोचा गया. इस गिरफ्तारी से मेवाड़ा परिवार के साथ-साथ क्षेत्र में फैले जनाक्रोश पर कुछ हद तक विराम लगने की उम्मीद जताई जा रही है. पुलिस ने ललित स्वामी (26), अक्षय स्वामी (28) और तेजपाल (31) को गिरफ्तार किया है. 

घटना 2 जून, 2025 की सुबह तब हुई जब सुरेंद्र मेवाड़ा मंदिर से दर्शन कर लौट रहे थे. फरियादी शुभम मेवाड़ा उर्फ विकास ने एफआईआर में बताया कि उनके पिता सुरेंद्र कुमार मेवाड़ा (60) रोजाना की तरह मंडावर रोड वाले बालाजी मंदिर गए थे. सुबह करीब 6:50 बजे लौटते समय उन पर अचानक हमला हुआ. गंभीर रूप से घायल होने के कारण उन्हें तुरंत एसआरजीएच झालावाड़ ले जाया गया, लेकिन इलाज के दौरान उनकी मृत्यु हो गई. इस घटना से इलाके में शोक और दहशत का माहौल बन गया था.

हत्याकांड की जड़ें पुरानी रंजिश से जुड़ी थीं

पुलिस जांच में सामने आया कि इस हत्याकांड की जड़ें पुरानी रंजिश से जुड़ी थीं. मुख्य अभियुक्त ललित स्वामी और सुरेंद्र मेवाड़ा के बीच पूर्व में कई बार झगड़े हुए थे. बताया जा रहा है कि सुरेंद्र ने पहले ललित के साथ तीन बार मारपीट की थी, जिससे नाराज होकर ललित ने अपने साथियों के साथ मिलकर वारदात को अंजाम दिया. योजना के तहत उन्होंने सुरेंद्र पर मंदिर से लौटते समय हमला किया.

20 पुलिस टीमें, 100 से ज़्यादा मोबाइल नंबरों की निकाली सीडीआर 

घटना की गंभीरता को देखते हुए एसपी ऋचा तोमर ने त्वरित कार्रवाई के निर्देश दिए. जिले भर से करीब 20 पुलिस टीमें गठित की गईं. आरोपियों की तलाश में ताबड़तोड़ दबिशें दी गईं. घटनास्थल और आसपास के सभी सीसीटीवी फुटेज खंगाले गए और करीब 100 से अधिक संदिग्ध मोबाइल नंबरों की कॉल डिटेल रिकॉर्ड (सीडीआर) साइबर एक्सपर्ट्स से विश्लेषित कराई गई. यह अभियान अत्यंत सघन और योजनाबद्ध था.

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