रणथंभौर नेशनल पार्क से आज शाम बाघिन टी-79 के शावक को नाहरगढ़ बायोलॉजिकल पार्क जयपुर भेज दिया गया. शावक पूरी तरह स्वस्थ बताया जा रहा है. रणथंभौर के उपवन संरक्षक मोहित गुप्ता ने बताया कि मुख्य वन्य जीव प्रतिपालक की स्वीकृति के बाद रणथंभौर बाघ परियोजना के तहत बाघिन टी-79 के शावक को नाहरगढ़ बायोलॉजिकल पार्क जयपुर भेजा गया है। उन्होंने बताया कि चिकित्सकों की टीम की लगातार 8 दिन की मशक्कत के बाद शावक के स्वास्थ्य में सुधार आया है.
बाघों की मौत के बाद लावारिस हो जाते हैं शावक
बाघिन की मौत हो जाने या उसके लापता हो जाने से शावक लावारिस हो जाते है. उन्हें आहार नहीं मिल पाता. जिससे उनकी मौत हो जाती है. इसी साल के शुरुआत में दो बाघिनों की मौत की हुई थी. जिसमें बाघिन -57 की मौत जनवरी में हुई और इसके कुछ दिन बाद बाघिन-114 का शव फलौदी रेंज में मिला. उसी वक़्त बाघिन-114 के शावक का शव भी वनकर्मियों को अपनी मां बाघिन-114 से कुछ दूरी पर मिला और दो शावक लापता हो गए थे.
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