Rajasthan: महिला टीचर पर शिक्षा मंत्री मदन दिलावर के बयान की नेता प्रतिपक्ष टीकाराम जूली ने निंदा की. उन्होंने शिक्षा मंत्री के बयान को अशोभनीय और अशिष्ट बताया, और उनके इस्तीफे की मांग की है. टीकाराम जूली ने कहा कि वे निरंतर अमर्यादित टिप्पणी और भाषण करने के आदी हैं. लेकिन, आज तो उन्होंने अपने निंदनीय कथन से भारतीय संस्कृति को शर्मसार किया है.
"शिक्षा मंत्री के पद पर बने रहने का नैतिक अधिकार नहीं है"
टीकाराम जूली ने कहा, "शिक्षा मंत्री नीम का थाना में एक स्कूल के कार्यक्रम में महिला शिक्षकों पर अपमानजनक टिप्पणी करके सभी सीमाएं लांघ गए हैं. उन्होंने न केवल महिलाओं का अपमान किया है बल्कि, संपूर्ण शिक्ष जगत की गरिमा को लांछित किया है. मदन दिलावर को एक पल भी शिक्षा मंत्री के पद पर बने रहने का नैतिक अधिकार नहीं है. वे इस्तीफा दें या उन्हें मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा बर्खास्त करें. मुख्यमंत्री और भाजपा प्रदेश अध्यक्ष स्पष्ट करें कि क्या शिक्षा मंत्री के इस बौद्धिक दिवालियापन पर उनकी क्या राय है."
भारतीय संस्कृति और सभ्यता तो ' यत्र नार्यस्तु पूज्यते रमन्ते तत्र देवताः ' और ' गुरु ब्रह्मा गुरु विष्णु गुरु देवो महेश्वर : गुरु साक्षात् परब्रह्म तस्मै श्री गुरुवे नम : ' मंत्र की पोषक है."
महिला टीचर के कपड़े पर दिया था विवादित बयान
राजस्थान के शिक्षा मंत्री मदन दिलावर बुधवार (16 अक्टूबर) को एक दिवसीय दौरे पर नीमकाथाना के नृसिंहपुरी पहुंचे थे. शिक्षा मंत्री ने नृसिंहपुरी गांव में राजकीय बालिका उच्च प्राथमिक संस्कृत स्कूल के जीर्णोद्धार भवन का लोकार्पण किया. इस दौरान मदन दिलावर ने स्कूल में महिला टीचर के कपड़े को लेकर विवादित बयान दे दिया है. उन्होंने कार्यक्रम में कहा कि कई शिक्षिका अच्छे कपड़े नहीं पहन कर जाती. वे पूरे शरीर को दिखाकर चलती हैं. इसके साथ ही शिक्षा मंत्री ने राजस्थान में नए जिलों पर नए जिलों को लेकर अभी समीक्षा चल रही है जल्द ही जिलों पर फैसला आएगा.
"बच्चों पर अच्छा प्रभाव नहीं पड़ता"
कार्यक्रम को संबोधित करते हुए मदन दिलावर ने कहा कि स्कूलों पर कई शिक्षिका अच्छे कपड़े नहीं पहन कर जाती. वे पूरे शरीर को दिखाकर चलती हैं. जिसका बच्चों पर अच्छा प्रभाव नहीं पड़ता. उन शिक्षिका को सोचना चाहिए कि हम लोगों को किस तरीके के कपड़े पहनने चाहिए, क्या खाना चाहिए, कई टीचर्स स्कूल में गुटखा खाकर जाते हैं और स्कूल में पढ़ने वाले बच्चों पर गलत प्रभाव पड़ता है. कई स्कूलों में अध्यापक शराब पीकर जाते जाते है, वो शिक्षक नही वो बच्चों के दुश्मन है.
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