
Rajasthan Politics: राजस्थान में बीजेपी विधायक कंवरलाल मीणा की सदस्यता पर तलवार अटकी है. विपक्ष लगातार अंता विधायक कंवरलाल मीणा की सदस्यता को रद्द करने की मांग कर रहा है. बता दें कंवरलाल मीणा को 2005 में SDM पर रिवॉल्वर तानने के मामले में 3 साल की सजा सुनाई गई थी. वहीं हाईकोर्ट ने भी विधायक की सजा को बरकरार रखने का फैसला सुना दिया था. हालांकि सु्प्रिम कोर्ट पहले इस फैसले पर स्टे लगा दिया था. बीते 7 मई को सुप्रीम कोर्ट ने कंवरलाल मीणा के खिलाफ सजा को बरकरार रखते हुए सरेंडर करने के आदेश दिये थे.
झालावाड़ जिले की मनोहरथाना एसीजेएम कोर्ट ने कंवरलाल मीणा के खिलाफ 20 साल पुराने मामले में गिरफ्तारी वारंट जारी किया है. कोर्ट ने उन्हें 14 मई तक न्यायिक मजिस्ट्रेट के सामने सरेंडर करने के आदेश दिए हैं, यदि वे सरेंडर नहीं करते हैं, तो पुलिस उन्हें गिरफ्तार करेगी. वहीं दूसरी ओर 3 साल की सजा होने के बाद विधायकी पर तलवार अटकी है. जिस पर विधानसभा अध्यक्ष ने फैसला नहीं लिया है.
टीकाराम जूली ने लिखा विधानसभा अध्यक्ष को पत्र
राजस्थान विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष टीकाराम जूली ने अंता से भाजपा विधायक कंवरलाल मीणा की सदस्यता को लेकर विधानसभा अध्यक्ष वासुदेव देवनानी को फिर से पत्र लिखा है. जूली ने कहा है कि सुप्रीम कोर्ट से सजा बरकरार रहने के बावजूद अब तक सदस्यता निरस्त न किया जाना न केवल दुर्भाग्यपूर्ण है, बल्कि विधानसभा की ऐतिहासिक संवैधानिक परम्पराओं पर कुठाराघात है.
जूली ने अपने पत्र में लिली थॉमस बनाम भारत संघ मामले का हवाला देते हुए कहा कि जिस दिन से विधायक की सजा हाईकोर्ट और फिर सुप्रीम कोर्ट में भी कायम रही, उसी दिन से उनकी सदस्यता स्वतः समाप्त हो जानी चाहिए थी. उन्होंने आरोप लगाया कि इस मामले में ढुलमुल रवैया अपनाकर कानून का उपहास उड़ाया जा रहा है.
उन्होंने उदाहरण दिया कि दिसंबर 2016 में बीएसपी विधायक बी.एल. कुशवाह को सजा मिलने पर तत्काल उनकी सदस्यता रद्द कर दी गई थी जबकि भाजपा विधायक के मामले में देरी संदेह पैदा कर रही है.
टीकाराम जूली ने मांग की कि विधानसभा अध्यक्ष निष्पक्षता दिखाते हुए आज ही कंवरलाल मीणा की सदस्यता रद्द करें और संविधान के प्रति आस्था व परम्पराओं का सम्मान सुनिश्चित करें.
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