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This Article is From Oct 17, 2023

5 साल तक पायलट की बेइज्जती करते रहे गहलोत, गुर्जर समाज के साथ हुए भूल को सुधारने का वक्तः जौनपुरिया

2018 में एक भी गुर्जर के भाजपा के टिकट पर नहीं जीतने के सवाल पर जौनापुरिया ने कहा कि 2018 में गुर्जर समाज ने कांग्रेस को वोट दिया लेकिन पायलट को मुख्यमंत्री नही बनाया गया.

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5 साल तक पायलट की बेइज्जती करते रहे गहलोत, गुर्जर समाज के साथ हुए भूल को सुधारने का वक्तः जौनपुरिया

Rajasthan Assembly Elections 2023: विधानसभा चुनाव को लेकर राजस्थान की सियासत में पुराने मुद्दें भी उछाले जा रहे हैं. कांग्रेस भले ही अशोक गहलोत और सचिन पायलट के बीच ऑल इज गुड का दावा करते हुए चुनावी अभियान में उतर रही हो लेकिन भाजपा अक्सर इस गहलोत-पायलट विवाद को हवा दे रही है. गहलोत को घेरते हुए भाजपा कई बार सचिन पायलट के लिए नरम रूख भी अख्तियार कर रही है. लेकिन बात चुनावी मोर्चे की करें तो पायलट को उनके ही घर में घेरने की कोशिश जारी है. भाजपा ने पायलट के गढ़ टोंक में उन्हें घेरने के लिए तीन गुर्जर नेताओं को उतार दिया है. 

भाजपा 2018 में हुए नुकसान को एक सबक के रूप में लेते हुए आगे बढ़ रही है. टोंक में भाजपा ने पायलट के खिलाफ अपनी गुर्जर तिकड़ी को मैदान में उतारा है. ये नेता 2018 के गुर्जर समाज के साथ हुए धोखे को लेकर खूब बयानबाजी भी कर रहे हैं. इसी कड़ी में एनडीटीवी राजस्थान ने भाजपा के प्रदेश उपाध्यक्ष और टोंक सवाई माधोपुर से सांसद सुखबीर सिंह जौनपुरिया से विशेष बात की. जिसमें उन्होंने कहा कि इस बार गुर्जर समाज के पास भूल सुधारने का मौका है.  

2018 में भाजपा के सभी गुर्जर प्रत्याशी हार गए थे

मालूम हो कि 2018 में गुर्जरों के सचिन पायलट के पक्ष में समर्थन और मतदान का आलम यह रहा कि पूरे राजस्थान में भाजपा का एक भी गुर्जर विधायक नहीं बन सका और जितने भी टिकट दिए गए वह सब हार गए. बस इसी से सबक लेने को भाजपा ने खास रणनीति तैयार की है.

पैनल बनाकर बांटा गया है टिकट

भाजपा के प्रदेश उपाध्यक्ष और टोंक सवाई माधोपुर से सांसद सुखबीर जौनापुरिया का राजस्थान में भाजपा के टिकट वितरण में पहली सूची में 41 सीटों पर घोषणा के बाद हुए विरोध प्रदर्शन पर उनका कहना है कि वर्तमान समय में पैनल बनाकर टिकट दिए गए हैं और कहीं भी विरोध अब नहीं है. विजय बैंसला के देवली-उनियारा में विरोध पर उनका कहना है कि यहां भी समझाईश कर ली जाएगी, विजय बैंसला को कर्नल साहब के बेटे होने के नाते टिकट दिया गया है.

लोगों को सम्बोधित करते जौनपुरिया

लोगों को सम्बोधित करते जौनपुरिया

गुर्जर समाज को मिले ज्यादा टिकट 

टोंक में सचिन पायलट को घेरने के लिए भाजपा द्वारा गुर्जर तिकड़ी के रूप में सुखबीर सिंह जौनपुरिया, रमेश बिधुड़ी और विजय बैंसला को मैदान में उतारने की जरूरत क्यों पड़ी के सवाल पर सुखबीर जौनपुरिया ने कहा कि टोंक विधानसभा पर हमारी कोई खास नजर नहीं है और न हम इस सीट पर कोई हवा बनाना चाहते हैं.
 

राजस्थान में 40 से 45 सीटें ऐसी हैं, जहां गुर्जर मतदाताओं की संख्या ज्यादा है. ऐसे में भाजपा नेता ने जौनपुरिया ने इस बार गुर्जर समाज के लिए ज्यादा टिकट की मांग की है.

गहलोत ने पांच साल की पायलट की बेइज्जती

वहीं 2018 में एक भी गुर्जर के भाजपा के टिकट पर नहीं जीतने के सवाल पर जौनापुरिया ने कहा कि 2018 में गुर्जर समाज ने कांग्रेस को वोट दिया लेकिन पायलट को मुख्यमंत्री नही बनाया गया. ऐसे में 2018 से लेकर आज तक सचिन पायलट की अशोक गहलोत ने पूरे पांच साल घोर बेइज्जती की, नकारा-निकम्मा कहा, पूरे पांच साल सरकार बचाने के प्रयास में सरकार होटलों में रही, कांग्रेस विधायकों ने पूरे पांच साल जमकर लूटा है और अब सरकार के जाने का वक्त आ गया है.

टोंक में विकास की तरफ नहीं दिया ध्यान

सुखबीर सिंह जौनापुरिया ने ईआरसीपी ओर रेल के मुद्दे पर कहा कि ईआरसीपी के मुद्दे पर अशोक गहलोत सरकार और कांग्रेस जनता को बेवकूफ बना रही है. वहीं टोंक में रेल कब आएगी के सवाल पर कहा कि सचिन पायलट ने टोंक में रेल के लिए आधी राशि देने का वादा भी किया था और कांग्रेस के घोषणा पत्र में इसका जिक्र भी किया था लेकिन पायलट अशोक गहलोत से यह राशि नही दिलवा सके.

पायलट को घेर कर रखेगी बीजेपी

भाजपा नेता भले ही सचिन पायलट को हल्के में लेने की बात करते हों पर यह तय है कि भाजपा का हाल 'दूध का जला छाछ को भी फूंक-फूंक कर पीता है' जैसा है. 2018 कि गुर्जर समाज की राजस्थान में एक तरफा वोटिंग को भाजपा नहीं भूली है ऐसे में वह न सिर्फ सचिन पायलट को टोंक में घेरकर रखने की कोशिश करेगी. बल्कि पायलट और गुर्जर समाज के साथ कांग्रेस के धोखे और अशोक गहलोत ओर सचिन पायलट विवाद को भी चुनाव में खूब हवा देगी.

यह भी पढ़ें- टोंक में पायलट को घेरने की तैयारी, चंद्रशेखर रावण ने उतारा उम्मीदवार, SDPI व AIMIM ने भी किया ऐलान

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