मंदिर में सो रहे महंत की हत्या के बाद राजस्थान के टोंक जिले में लोगों का आक्रोश भड़क उठा है. आक्रोशित लोगों ने पुलिस-प्रशासन के खिलाफ नारेबाजी करते हुए धरना दिया. साथ ही टोंक के डिग्गी बाजार को बंद कराया. पुलिस शांति-व्यवस्था को बहाल करने की कोशिश में जुटी है. साथ ही महंत की हत्या के कारणों की जानकारी और हत्यारों की गिरफ्तारी के लिए छापेमारी कर रही है. मिली जानकारी के अनुसार टोंक के प्रसिद्ध धार्मिक नगरी डिग्गी में मंदिर में सो रहे महंत की मंगलवार देर रात अज्ञात बदमाशों ने हत्या कर दी. लोगों को घटना की जानकारी बुधवार सुबह तब लगी, जब कुछ लोग मंदिर में पूजा करने पहुंचे. वहां महंत की लहूलुहान लाश पड़ी थी. मंदिर में वयोवृद्ध महंत की बेरहमी से हत्या की बात आग की तरह फैली. कुछ ही देर में बड़ी संख्या में स्थानीय लोग जुट गए. फिर मामले की सूचना पर पुलिस भी पहुंची.
93 साल के महंत 45 साल से मंदिर में कर रहे थे पूजा
जिस मंदिर में महंत की हत्या हुई, वह डिग्गी कल्याण जी कस्बे के गढ़ पर कोटे के पास स्थित भूर्या महादेव मंदिर है. इस मंदिर में 93 साल के महंत सियाराम दास बाबा करीब 45 साल से पूजा-पाठ कर रहे थे. उनकी किसी से कोई दुश्मनी भी नहीं थी. लेकिन मंगलवार रात अज्ञात बदमाशों ने मंदिर में सो रहे महंत के सिर पर किसी हथियार से वारकर उनकी हत्या कर दी.
हत्यारोपी की गिरफ्तारी के बाद होगा पोस्टमार्टम
महंत की हत्या के बाद आक्रोशित लोगों ने बाजार बंद कर हत्यारों की गिरफ्तारी की मांग करते हुए हत्याकांड का खुलासा नहीं होने तक मृतक महंत का पोस्टमार्टम करवाने से मना कर दिया. मामले की गंभीरता को देखते हुए पुलिस ने एफएसएल टीम के साथ-साथ डॉग स्कवायड टीम को भी मौके पर बुलाया.
मंदिर के बाहर लोगों ने दिया धरना
टोंक के राजश्री राज भी मौके पर पहुंचे. उन्होंने कहा कि हमने कुछ साक्ष्य जुटाए है और हमारी कोशिश यही होगी कि जल्द से जल्द हत्यारों की गिरफ्तारी हो. इधर महंत की हत्या की सूचना के बाद मौके पर जुटी लोगों की भारी भीड़ ने बाजार बंद करवा दिए. मंदिर के बाहर धरना भी दिया. इस दौरान पुलिस लोगों को समझाती नजर आई. लेकिन लोगों का विरोध जारी है.
बीजेपी सांसद ने राजस्थान सरकार पर साधा निशाना
घटना के बाद टोंक सवाई माधोपुर सांसद सुखबीर सिंह जौनापुरिया ने राजस्थान की गहलोत सरकार पर निशाना साधते हुए कहा कि टोंक से लेकर राजस्थान में कोई सुरक्षित नहीं है. राजस्थान की अशोक गहलोत सरकार कानून व्यवस्था को लेकर पूरी तरह से नाकाम है. भ्रष्टाचार में डूबी सरकार का मकसद सिर्फ अपना कुर्सी बचाना है.