
Rajasthan News: राजस्थान में भले ही मानसून अपने अंतिम चरण में हो, लेकिन टोंक जिले में लापरवाही और हादसों का सिलसिला थमने का नाम नहीं ले रहा है. एक बार फिर ऐसा ही मामला पीपलू उपखंड में सामने आया है, जहां एक ट्रैक्टर ड्राइवर लोहे के सरिए भरकर माशी नदी की रपट पार करने की कोशिश में बहाव में बह गया. गनीमत रही कि स्थानीय लोगों की मदद से चालक को सुरक्षित बाहर निकाल लिया गया. यह घटना एक बार फिर यह साबित करती है कि प्रशासन और आम जनता दोनों ही इन हादसों से सबक नहीं ले रहे हैं.
शॉर्टकट के चक्कर में हादसा
हादसा बुधवार को हुआ जब एक ट्रैक्टर चालक शॉर्टकट के चक्कर में माशी नदी की रपट से ट्रैक्टर निकाल रहा था. नदी में पानी का बहाव तेज होने के कारण ट्रैक्टर अनियंत्रित होकर बहने लगा. ट्रैक्टर पर लोहे के सरिए लदे हुए थे, जिससे खतरा और बढ़ गया था. आसपास मौजूद लोगों ने जैसे ही ट्रैक्टर को बहते देखा, वे तुरंत मदद के लिए आगे आए. उन्होंने बहादुरी दिखाते हुए सबसे पहले ट्रैक्टर चालक को सुरक्षित बाहर निकाला. इसके बाद, जेसीबी की मदद से घंटों की मशक्कत के बाद ट्रैक्टर को भी नदी से बाहर निकाला गया.
हादसों के बाद भी सबक नहीं ले रहे लोग
टोंक जिले में पिछले कुछ दिनों में नदियों और जलभराव वाले इलाकों में वाहन बहने की कई घटनाएं सामने आई हैं. बनास, सहोदरा और माशी जैसी नदियों में कई बार ट्रैक्टर, पिकअप और बाइक सवार बह चुके हैं, जिनमें से कुछ ने अपनी जान भी गंवा दी. बावजूद इसके, लोग जान जोखिम में डालकर बहते पानी में वाहन निकालने की कोशिश कर रहे हैं.
'ऐसी जगहों पर बैरिकेडिंग होनी चाहिए'
स्थानीय प्रशासन भी इन खतरनाक रास्तों पर रोक लगाने के लिए पर्याप्त कदम नहीं उठा रहा है. लोगों का कहना है कि प्रशासन को ऐसी जगहों पर बैरिकेडिंग लगानी चाहिए और चेतावनी बोर्ड लगाने चाहिए ताकि लोग इन रास्तों से जाने से बचें. यह घटना एक गंभीर चेतावनी है कि ऐसी लापरवाही किसी भी दिन बड़े हादसे का कारण बन सकती है, जिसमें जान-माल का बड़ा नुकसान हो सकता है.
ये भी पढ़ें:- 'स्वच्छता ही सेवा', जयपुर के जंतर-मंतर पर झाड़ू लेकर उतरीं डिप्टी सीएम दिया कुमारी, कही ये बात
यह VIDEO भी देखें