Fathehsagar Lake: झीलों की नगरी उदयपुर में पिछले दो दिनों से बारिश का दौर थमा हुआ है.लेकिन दो दिन पहले उदयपुर व आसपास के इलाकों में हुई बारिश के चलते जिले की झीलों में पानी की आवक जारी है. जिले में लगातार हो रही बारिश के चलते लोग कई दिनों से प्रसिद्ध फतेहसागर झील के भरने का इंतजार कर रहे थे.उनका इंतजार शनिवार यानी आज खत्म हुआ. दोपहर में उदयपुर कलेक्टर अरविंद पोसवाल ने पहले गेट के पास पूजा-अर्चना की और फिर उसे खोल दिया.इस दौरान झील को छलकता देखने के लिए वहां लोगों की भीड़ उमड़ पड़ी. इस मौके पर जिला कलेक्टर अरविंद पोसवाल ने कहा कि आज फतेहसागर नहीं बल्कि यहां के लोगों की खुशियों का सागर छलक गया है.लोग कई दिनों से इसके छलकने का इंतजार कर रहे थे.
चार राजसी झीलों में से एक फतेह सागर झील
फतेह सागर झील उदयपुर की चार राजसी झीलों में से एक है और इसमें तीन छोटे द्वीप हैं, जिनमें से हर किसी का अपना अनूठा आकर्षण है. इनमें सबसे बड़ा नेहरू द्वीप है, जो अपनी सुंदरता के लिए हमेशा से पर्यटकों के बीच फेमस रहा है. दूसरे द्वीप में एक सार्वजनिक पार्क और जल-जेट फव्वारा है. इसके दूसरी ओर, तीसरा द्वीप जिसमें उदयपुर सौर वेधशाला है. इन सबी द्वीपों पर घूमने के लिए मोटरबोट बेहतर ऑप्शन है इनके जरिए यहां तक आसानी से पहुंचा जा सकता है. इस झील के आसपास के शांत वातावरण और हरियाली के बीच बनी यह कृत्रिम झील बेहद सुंदर दिखाई देती है. इसी कारण इसे भारत का 'दूसरा कश्मीर' कहा जाता है.
महाराणा जगतसिंह ने बनवाई थी फतेहसागर झील
फतेहसागर झील को महाराणा जगतसिंह ने बनवाया था. बाद में महाराणा फतेह सिंह ने इसको दोबारा तैयार करवाया था. उन्हीं के नाम पर इस झील का नाम रखा गया था.1687 में इसका निर्माण पूरा हुआ था. उदयपुर और आसपास में कृषि और पेयज सुविधाओं के लिए इस झील के पानी का उपयोग किया जाता था. यह झील 18 फीट गहरी है. झील 3 टापू से जुड़ती है. यहां एक सालों पुराना मंदिर भी बना है.
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