
Rajasthan News: मोहनलाल सुखाड़िया यूनिवर्सिटी (MLSU) की कुलपति प्रोफेसर सुनीता मिश्रा (Sunita Mishra) अपने एक विवादित बयान को लेकर लगातार घिरी हुई हैं. पिछले 4 दिनों से उनके बयान के खिलाफ छात्र उग्र प्रदर्शन कर रहे हैं. इन सबके बीच, NDTV राजस्थान से खास बातचीत में कुलपति सुनीता मिश्रा ने पहली बार अपना पक्ष रखा है. उन्होंने साफ कहा कि वह छात्रों के दबाव में नहीं आएंगी और यूनिवर्सिटी का काम जारी रखेंगी.
'आज दो कार्यक्रम अटेंड करूंगी'
प्रोफेसर मिश्रा ने कहा, 'भले ही प्रशासन और छात्रों के बीच यह सहमति बनी हो कि मैं मामला निपट जाने तक विश्वविद्यालय में नहीं जाऊंगी, लेकिन मैं छात्रों के कहने पर नहीं चल सकती. इस यूनिवर्सिटी में बच्चों के भविष्य की जिम्मेदारी मेरी है, इसलिए मैं जाऊंगी. आज भी मेरे दो कार्यक्रम हैं और मैं उन्हें अटेंड करूंगी.'
'प्रदर्शन के पीछे मेरे ही स्टाफ के लोग'
कुलपति सुनीता मिश्रा ने इस विरोध प्रदर्शन पर एक बड़ा बयान देते हुए कहा कि यह छात्रों का प्रदर्शन नहीं है. उन्होंने आरोप लगाया कि यूनिवर्सिटी में ही कुछ बड़े पद पर बैठे हुए उनके स्टाफ के लोग छात्रों को भड़काने का काम कर रहे हैं. उन्होंने कहा, 'यूनिवर्सिटी के छात्र काफी अच्छे हैं.' यह बयान ऐसे समय में आया है, जब छात्र संगठन अपनी मांगों को लेकर लगातार चौथे दिन भी प्रदर्शन कर रहे हैं.
NSUI के दो छात्र भूख हड़ताल पर बैठे
कुलपति सुनीता मिश्रा द्वारा औरंगजेब को 'कुशल प्रशासक' और महाराणा प्रताप तथा अकबर को 'समकक्ष राजा' बताने वाले बयान के बाद से छात्रों में खासा गुस्सा है. इस बयान को मेवाड़ और भारतीय इतिहास का अपमान बताते हुए, छात्र उनकी बर्खास्तगी की मांग कर रहे हैं. आज चौथे दिन भी अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद (ABVP) के छात्रों ने सभी कॉलेजों को बंद करवाया और प्रशासनिक भवन के बाहर धरना दिया. वहीं, एनएसयूआई (NSUI) के दो छात्र मोहनलाल सुखाड़िया यूनिवर्सिटी के मुख्य द्वार पर भूख हड़ताल पर बैठ गए हैं. सर्व समाज की तरफ से भी इस मामले में बयान आने शुरू हो गए हैं.
दफ्तर में 6 घंटे कैद रहीं थीं कुलपति
बुधवार को प्रदर्शनकारी छात्रों ने कुलपति सुनीता मिश्रा को उनके दफ्तर में करीब 6 घंटे तक कैद कर दिया था. उन्होंने दफ्तर का ताला लगा दिया था और बिजली भी काट दी थी. यह मामला तब सुलझा था, जब प्रशासन ने छात्रों को लिखित में आश्वासन दिया था कि जब तक विवाद का कोई हल नहीं निकल जाता, तब तक कुलपति यूनिवर्सिटी में नहीं आएंगी. हालांकि, अब कुलपति के एनडीटीवी पर दिए बयान के बाद यह गतिरोध और भी बढ़ने की आशंका है.
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