Rajasthan News: राजस्थान में उदयपुर जिले के एक छोटे से गांव में मां की ममता ने मौत को भी मात दे दी. एक महीने के नवजात बच्चे के साथ सो रही पुष्पा ने जान जोखिम में डालकर पैंथर के हमले से अपने लाल को सुरक्षित बाहर निकाल लिया. यह हृदयस्पर्शी घटना राजस्थान के उदयपुर जिले के कुराबड़ पंचायत समिति के बेमला गांव में हुई. पुष्पा की यह बहादुरी न सिर्फ गांव वालों के लिए प्रेरणा बनी बल्कि दूर-दूर तक चर्चा का विषय बन गई.
रात के अंधेरे में दहशत भरा हमला
रात के सन्नाटे में अचानक घर में घुसा पैंथर पुष्पा पर झपटा. बच्चे के साथ गहरी नींद में सो रही पुष्पा डर से कांप उठीं. वे फौरन घर से बाहर भाग आईं. लेकिन मां का दिल तो बच्चे के पास ही था. बिना एक पल गंवाए वे वापस लौटीं. पैंथर की दहाड़ के बीच उन्होंने बेटे को गोद में उठाया और सुरक्षित बाहर ले आईं. फिर भी वे रुकीं नहीं. दरवाजा बंद कर उन्होंने खूंखार पैंथर को ही घर के अंदर कैद कर दिया. इस जद्दोजहद में पुष्पा पर पैंथर के नाखूनों के निशान गहरे पड़े. वे बुरी तरह घायल हो गईं. लेकिन चमत्कार हुआ कि मासूम बच्चे को एक खरोंच तक नहीं आई. डॉक्टरों ने भी बच्चे को पूरी तरह स्वस्थ बताया.
वन विभाग का त्वरित रेस्क्यू
हमले की खबर फैलते ही बेमला गांव के लोग दौड़ पड़े. सब घटनास्थल पर जमा हो गए. तभी पैंथर ने दरवाजा तोड़ दिया और बाहर निकल आया. डरते-डरते लोग पीछे हटे लेकिन पैंथर सीधा पास की कुक्कुट शाला में घुसकर छिप गया. गांव के दुर्गा शंकर ने बताया कि सबकी जान पर बनी थी. सूचना मिलते ही वन विभाग की टीम मौके पर पहुंची. उन्होंने सावधानी से पैंथर को जाल में फंसाया और रेस्क्यू कर जंगल में छोड़ दिया. विभाग ने गांव वालों को जागरूक भी किया कि रात में सतर्क रहें.
अस्पताल में चल रहा इलाज, मां की हिम्मत बनी मिसाल
घायल पुष्पा को तुरंत उदयपुर के जिला अस्पताल ले जाया गया. वहां उनका इलाज जारी है. डॉक्टरों का कहना है कि घाव गहरे हैं लेकिन जान को कोई खतरा नहीं. पुष्पा की यह कहानी हर मां के लिए गर्व का विषय है.
यह भी पढ़ें - झालावाड़: हनी ट्रैप और ट्रैक्टर चोरी गैंग का भंडाफोड़, लोगों से ठगे लाखों रुपये; अब तक 18 गिरफ्तार