विज्ञापन

मेवाड़ की शक्ति पीठ ईडाणा माता ने किया अग्नि स्नान, त्रिशूल तपकर हुए लाल, उमड़ा 52 गांवों के भक्तों का सैलाब

राजस्थान के उदयपुर जिले में मेवाड़ की शक्ति पीठ ईडाणा माता ने चैत्र दूज को अग्नि स्नान किया. जिसे लेकर भक्तों में भारी उत्साह देखा गया. मान्यता है कि अग्नि स्नान के दौरान माता की प्रतिमा को आग की लपटों से कोई नुकसान नहीं पहुंचता, जबकि चढ़ावा और वस्त्र भस्म हो जाते हैं. स्नान के बाद माता का शृंगार किया गया.

मेवाड़ की शक्ति पीठ ईडाणा माता ने किया अग्नि स्नान, त्रिशूल तपकर हुए लाल, उमड़ा 52 गांवों के भक्तों का सैलाब

Rajasthan News: राजस्थान के उदयपुर जिले में मेवाड़ की शक्ति पीठ ईडाणा माता ने चैत्र महीने की दूज को किया अग्नि स्नान किया है. मंगलवार को अचानक से प्रतिमा के चारों ओर अग्नि प्रज्जवलित हो गई और तेज लपटों के साथ माता के अग्नि स्नान के दर्शन हुए. भक्तों को जैसे ही पता लगा कि माता ने अग्नि स्नान किया है. माता के जयकारों से मंदिर का प्रागण गूंज उठा और भक्त दर्शन के लिए आने लगे.

अग्नि स्नान के दर्शन करने पहुंचे भक्त

मेवाड़ की ईडाना मंदिर का अग्नि स्नान मेवाड़ क्षेत्र के लोगों के लिए आस्था का केंद्र है. वहीं आसपास के राज्यों से भी लोग यहां पर दर्शन करने आते हैं. मंगलवार को ईडाना माता के अग्निस्नान की सूचना मिली. इसके बाद आस-पास के गांवों-कस्बों से बड़ी संख्या में श्रद्धालुओं की भीड़ जुट गई. ईडाना माता के अग्नि स्नान के बाद इस आग में चुनरी, प्रसाद, फूल-पत्ती सबकुछ जलकर खाक हो जाता है. मंदिर परिसर में लगे त्रिशूल तपकर लाल हो जाते हैं. लेकिन माता की प्रतिमा को आंच तक नहीं आती.

मेवाड़ की शक्ति पीठ ईडाणा माता.

मेवाड़ की शक्ति पीठ ईडाणा माता.

अग्नि स्नान के बाद किया गया शृंगार 

ईडाणा माता का मंदिर  जिला मुख्यालय से 60 किमी दूर सलुंबर में स्थित है. मान्यता है कि ईडाणा मां अग्नि स्नान करती है. इस दौरान प्रतिमा के पास रखा चढ़ावा और अन्य चीजें जल जाती है और प्रतिमा को कुछ नहीं होता. मंगलवार को जब माता ने अग्निस्नान किया, तो प्रतिमा के पास अग्नि प्रजज्वलित होती रही. अग्निस्नान के बाद जब अग्नि शांत हुई तो माता का नया शृंगार किया गया.         

मेवल की महारानी के नाम से प्रसिद्ध

ईडाना माता मंदिर मेवल की महारानी के नाम से मशहूर हैं.  अग्निस्नान के बाद माता का श्रृंगार इसलिए किया जाता है क्योंकि उनके कपड़े और अन्य सामान जलकर भस्म हो जाते हैं. माता की प्रतिमा पर इस अग्नि का कोई प्रभाव नहीं पड़ता. अग्नि स्नान को लेकर मान्यता है कि मेवल की महारानी के नाम से प्रसिद्ध ईडाणा माता समय-समय पर अग्निस्नान करती रहती हैं. मेवल क्षेत्र में ईडाणा गांव सहित करीब 52 गांव आते हैं.

मन्नत पूरी करने के लिए भक्त चढ़ाते हैं त्रिशूल

अग्नि स्नान में मां पर चढ़ाई जाने वाली चुनर और धागे भस्म हो जाते हैं, प्रतिमा के पीछे अनगिनत त्रिशूल लगे है. भक्तजन अपनी मन्नत पूरी करवाने के लिए यहां त्रिशूल चढ़ाते है. संतान की मन्नत रखने वाले भक्त यहां झूले चढ़ाते हैं. ईडाणा माता परिसर में लोग अखंड ज्योति के दर्शन करते है.

यह भी पढ़ें- मैदान पर मौत! 40 डिग्री गर्मी में 40 ओवर फील्डिंग, 7 ओवर बैटिंग कर गिरा क्रिकेटर

Rajasthan.NDTV.in पर राजस्थान की ताज़ातरीन ख़बरों को ट्रैक करें. देश और दुनियाभर से न्यूज़ अपडेट पाएं. इसके अलावा, मनोरंजन की दुनिया हो, या क्रिकेट का खुमार, लाइफ़स्टाइल टिप्स हों, या अनोखी-अनूठी ऑफ़बीट ख़बरें, सब मिलेगा यहां-ढेरों फोटो स्टोरी और वीडियो के साथ.

फॉलो करे:
Close