Sikar News: राजस्थान के सीकर जिले के श्रीमाधोपुर विधानसभा क्षेत्र की ग्राम पंचायत सकराय के सैंदाला-भगवानपुरा गांव में 95 लाख रुपये की लागत से बनी नई सड़क के निर्माण की क्वालिटी को लेकर एक बड़ा मामला सामने आया है. 2.55 km लंबी सड़क रातों-रात बन गई, लेकिन अगली ही सुबह सड़क कई जगहों से उखड़ने लगी. गांव वालों के मुताबिक, सुबह जब उन्होंने सड़क देखी तो कुत्तों और राहगीरों के हल्के दबाव से डामर की परत उखड़ने लगी, जिससे निर्माण की क्वालिटी पर सवाल उठने लगे.
UDH मिनिस्टर झाबर सिंह खर्रा ने दी 95 लाख रुपये की मंजूरी
सड़क बनाने की क्वालिटी को लेकर गांववालों ने आरोप लगाया कि इसमें बहुत घटिया क्वालिटी का मटीरियल इस्तेमाल किया गया है. 9 सितंबर को लोकल MLA और UDH मिनिस्टर झाबर सिंह खर्रा ने नीमकाथाना के अजमेरी मेन रोड से सैंदाला भगवानपुर तक 2.5 km सड़क के लिए 95 लाख रुपये मंजूर किए थे, जिसका शिलान्यास UDH मिनिस्टर ने 9 सितंबर को किया था.
रातों-रात बनी सड़क की सुबह खुल गई हकीकत
इस सड़क का निर्माण 9 दिसंबर को दोपहर करीब 3:00 बजे शुरू किया गया था और गांव वालों ने बताया कि यह सड़क रातों-रात बनी है, जब सुबह गांव वालों ने देखा तो पाया कि नई सड़क बनी है. फिर सुबह जब कुत्तों ने अपने पंजों से सड़क को खरोंचा तो सड़क उखड़ गई. बाद में गांव वालों ने कुछ अधिकारियों को भी इसकी जानकारी दी.

UDH Minister ने दी सड़क निर्माण के लिए 95 लाख की मंजूरी
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90% सड़कें ऐसी ही गई हैं बनाई
ग्रामीणों ने बताया कि पंचायत समिति अजीतगढ़ में पीडब्ल्यूडी अधिकारियों की लापरवाही के कारण 90% सड़कें ऐसी ही बनाई गई हैं जो समय से पहले ही टूट चुकी है. टोडा और सांवलपुरा तवरान इलाके में कई सड़कों का 10 दिन पहले ही पेच वर्क का काम किया गया था लेकिन चार-पांच दिन में ही यह उखड़ गया था.
पीडब्ल्यूडी अधिकारियों और ठेकेदारों की मिलीभगत से परेशान है ग्रामीण
श्रीमाधोपुर में पीडब्ल्यूडी अधिकारियों और ठेकेदारों की मिलीभगत के कारण स्थानीय लोग टूटी सड़कों से परेशान हैं. जलेबी चौक से चिपलाटा तक की सड़क का निर्माण पिछले साल ही हुआ था, लेकिन एक साल के भीतर ही यह कई जगह से टूट गई और स्लीपिंग हो गई. करीब 10 दिन पहले किए गए पैचवर्क की गुणवत्ता इतनी खराब थी कि वह भी 5 दिन में उखड़ गया, जिससे सड़क पर जगह-जगह गड्ढे हो गए हैं.
सड़क निर्माण नियमों का किया उल्लंघन
लापरवाही का आलम यह है कि नियमों के अनुसार तकनीकी इंजीनियरों को निर्माण के दौरान मौके पर मौजूद रहना चाहिए, लेकिन ग्रामीणों ने बताया कि इस सड़क का निर्माण रात के समय बिना किसी अधिकारी की उपस्थिति में कर दिया गया. ठेकेदार ने घटिया सामग्री का उपयोग किया, जिसके कारण सड़क अब हाथों या पैरों से खरोचने पर ही उखड़ रही है. इस घटिया निर्माण के लिए ठेकेदार और श्रीमाधोपुर उपखंड के पीडब्ल्यूडी अधिकारी जिम्मेदार हैं.
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