Rajasthan News: राजस्थान के बजट में भजनलाल सरकार की तरफ से बीकानेर विकास प्राधिकरण (BDA) बनाने का ऐलान किया गया था. बीकानेर के लोग लंबे समय से इसकी मांग कर रहे थे. वक्त के बदलाव से बीकानेर बहुत बड़ा शहर हो गया और यहां की आबादी के कई गुना बढ़ जाने से कई-कई किलोमीटर तक शहर फैल गया. लेकिन यूआईटी की सीमाओं के चलते शहर आधुनिकता की दौड़ में पिछड़ गया. इसकी एक वजह यहां के राजनीतिक नेतृत्व की उदासीनता भी रही. लंबे समय तक रहे कांग्रेस शासन में बीकानेर विकास के तौर पर उपेक्षा का ही शिकार रहा. कांग्रेस के कद्दावर नेता और प्रदेश की सरकार में कई बार कैबिनेट मंत्री रहे डॉ. बुलाकी दास कल्ला के वक्त में भी बीकानेर को कुछ खास नहीं मिल पाया. वहीं भाजपा के पास भी विधायक सीट रहते हुए ये शहर यूआईटी ही बना रहा. बीकानेर के लोगों की तरफ से लगातार विकास प्राधिकरण बना
भाजपा राज में ही हुआ बीकानेर का विकास
अहम बात ये भी है कि बीकानेर को विकास के नाम पर जो भी मिला वो प्रदेश में भाजपा की सरकार रहते हुए मिला. यहां तक कि बरसों तक नगर परिषद रहने के बाद नगर निगम की घोषणा भी तत्कालीन मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे ने की. यही कारण रहा कि बीकानेर की जनता ने विकास प्राधिकरण की मांग पूरी होने की उम्मीद भी भाजपा सरकार से लगाई. पिछली अशोक गहलोत सरकार के समय भी बीडीए बनाए जाने की मांग उठी थी. लेकिन गहलोत सरकार में हर बार बीकानेर की अनदेखी को देखते हुए इस मांग ने ज्यादा जोर नहीं पकड़ा. मगर, बीकानेरियन्स के दिलों में बीडीए नहीं मिल पाने की कसक बरकरार रही. यही कारण रहा कि पिछले विधानसभा चुनावों में बीकानेर-पश्चिम से जीते विधायक जेठानन्द व्यास ने इस मुद्दे को भुनाया और पहले ही बजट में बीडीए की घोषणा होने पर वाहवाही लूटी. उन्होंने मजबूती से इस मुद्दे को सरकार के सामने रखा और इस मांग को मनवा कर अपने शहर की अवाम को शानदार तोहफा दिया. इसमें घोषणा होने के बाद इसके नोटिफिकेशन को लेकर बीकानेर की अवाम को इंतजार था, जिसके आज शाम ऐलान हो जाने की उम्मीद है.
BDA बनने के बाद खत्म हो जाएगा UIT
बीडीए बन जाने के बाद बीकानेर में यूआईटी खत्म हो जाएगा और शहर के विकास का सारा जिम्मा बीडीए ले लेगा. बीडीए में चेयरमैन नगरीय विकास मिनिस्टर होता है और प्राधिकरण की जिम्मेदारी आयुक्त की होती है, जो आईएएस होता है. विकास प्राधिकरण बन जाने के बाद बीकानेर के चारों तरफ से 30-30 किलोमीटर का एरिया बीडीए में आ जाएगा, जिसकी वजह से विकास को पंख लगेंगे. साथ ही लोगों को रोजगार के नए अवसर मुहैया होंगे. शहर के बाहर के क्षेत्र बीडीए के तहत आ जाने से नए आवासीय और व्यापारिक क्षेत्रों का विकास होगा. अभी यूआईटी का बजट सिर्फ 200 करोड़ रुपये का है. मगर बीडीए बन जाने से तकरीबन एक हजार करोड़ रुपये का बजट बीकानेर को मिलने लगेगा.
बीकानेर को लगेंगे विकास के पंख
शहर के लोगों ने बीडीए की घोषणा का दिल खोल कर स्वागत किया है. लोगों का कहना है कि बीडीए बन जाने से हमारा शहर स्मार्ट सिटी की ओर कदम बढाएगा. वहीं रोजगार के नए आयाम शुरू होंगे. हर्षिता हैरिटेज के प्रबन्ध निदेशक अशोक स्वामी का कहना है कि बीडीए बन जाने से जहां शहर का फैलाव होगा, वहीं बीकानेर एकदम से आधुनिक शहरों की श्रेणी में आ खड़ा होगा. नए उद्योग लगेंगे. पर्यटन के क्षेत्र को भी पंख लगेंगे.