राज्य में बिजली संकट के मुद्दे पर कांग्रेस के विधायकों ने बृहस्पतिवार को सदन में हंगामा और नारेबाजी की. वहीं सरकार ने कहा कि उसके कार्यकाल में बिजली उत्पादन संयंत्रों को अधिक क्षमता से परिचालन किया गया है. शून्यकाल में बूंदी से कांग्रेस विधायक हरिमोहन शर्मा ने पर्ची के माध्यम से ये मुद्दा उठाया. उन्होंने कहा कि पूरे राजस्थान की इतनी खराब हालत है, फिर भी सरकार इस ओर ध्यान नहीं दे रही.
उन्होंने कहा, ‘‘सरकार के दृष्टिकोण और सोच के अभाव तथा व्यवस्था के अभाव के कारण पूरा राजस्थान परेशान है. लोग आंदोलन-प्रदर्शन कर रहे हैं. शांतिपूर्ण प्रदर्शन करने वाले लोगों के खिलाफ सरकार झूठे मुकदमे दर्ज कर रही है.'
पिछली कांग्रेस सरकार पर निशाना
इस पर जवाब देते हुए ऊर्जा राज्य मंत्री हीरालाल नागर ने कहा कि राज्य सरकार ने कुशल प्रबंधन से विद्युत उत्पादन संयंत्रों को अधिक क्षमता से संचालित किया है. उन्होंने कहा कि यदि पूर्ववर्ती सरकार द्वारा अन्य प्रदेशों व एजेंसियों के साथ बैंकिंग करार नहीं किया जाता तो राज्य की जनता को बिजली कटौती की समस्या से नहीं जूझना पड़ता.
स्पीकर बोले, मंत्री का जवाब पूरा सुनना पड़ेगा
मंत्री के जवाब से असंतुष्ट नेता प्रतिपक्ष टीकाराम जूली ने कुछ कहना चाहा और कांग्रेस के दूसरे विधायक भी बोलने लगे. विधानसभा अध्यक्ष ने कहा कि मंत्री का उत्तर सुनना पड़ेगा. इसको लेकर काफी देर हंगामा व नारेबाजी चलती रही.
किरोड़ी की गैर मौजूदगी पर विपक्ष का सवाल
विधानसभा में प्रश्नकाल के दौरान किरोड़ी लाल मीणा के इस्तीफे को लेकर भी विपक्ष व सत्ता पक्ष ने एक दूसरे पर कटाक्ष किए. नेता प्रतिपक्ष टीकाराम जूली ने यह प्रकरण छेड़ते हुए कहा,‘‘कृषि से जुड़ा हुआ मामला है. मैं तो यह पूछना चाहता हूं कि क्या सरकार कृषि मंत्री जी ने जो इस्तीफा दिया है उसको स्वीकार करने करने का विचार रखती है.'' इसको लेकर दोनों ओर के कुछ विधायक बोलने लगे.
विधानसभा अध्यक्ष वासुदेव देवनानी ने कहा कि वे मीणा अभी छुट्टी पर हैं, इसी सदन ने उनकी छुट्टी स्वीकार की है. इसलिए उनपर कोई प्रश्न नहीं आ सकता.