Rajasthan News: राजस्थान विधानसभा का दो दिवसीय सत्र 20 सिंतबर को शुरू हुआ. पहले दिन विधानसभा में 199 नवनिर्वाचित विधायकों को शपथ दिलाई गई. हालांकि, 9 विधायक शपथ ग्रहण करने नहीं पहुंचे जिन्हें 21 दिसंबर शपथ ग्रहण करवाया जाएगा. वहीं, 21 दिसंबर को राजस्थान विधानसभा अध्यक्ष का भी चुनाव होना है. प्रोटेम स्पीकर कालीचरण सराफ ने विधायकों को शपथ ग्रहण करवाया है. अब विधायकों द्वारा विधानसभा अध्यक्ष का चुनाव किया जाएगा.
प्रोटेम स्पीकर और स्पीकर में क्या है अंतर
विधानसभा अध्यक्ष यानी स्पीकर का चुनाव एक प्रक्रिया के तहत होती है. जिसमें विधायकों के मतदान की प्रक्रिया होती है. अगर विधानसभा में विधायक जब तक शपथ नहीं लेंगे तब तक विधानसभा की प्रक्रिया शुरू नहीं हो सकती है. ऐसे में विधायकों को शपथ दिलाने के लिए प्रोटेम स्पीकर का चुनाव किया जाता है. इसके बाद विधायक स्पीकर का चुनाव करते हैं.
स्पीकर चुनाव की प्रक्रिया
विधानसभा में अध्यक्ष पद के चुनाव के लिए नामांकन दाखिल होते हैं. अगर दो या दो से अधिक नामांकन दाखिल होते हैं तो ऐसे में विधायकों के मतदान की प्रक्रिया होती है. जिसे बहुमत मिलता है वह विधानसभा अध्यक्ष चुना जाता है. हालांकि, अमूमन हर विधानसभा अध्यक्ष का चुनाव निर्विरोध होता है. क्योंकि सत्ता पक्ष के पास बहुमत होता है और सत्ता पक्ष की पार्टी की ओर से सर्वसम्मति से विधानसभा अध्यक्ष तय किया जाता है. ऐसे में विपक्ष के द्वारा किसी सदस्य को विधानसभा अध्यक्ष पद के नामांकन दाखिल करने का कोई औचित्य नहीं रह जाता है.
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वासुदेव देवनानी का जीतना तय
बीजेपी ने सीएम और डिप्टी सीएम के नाम का ऐलान करने के साथ विधानसभा अध्यक्ष के नाम का भी ऐलान कर दिया था. अजमेर के वरिष्ठ बीजेपी नेता वासुदेव देवनानी को स्पीकर पद का उम्मीदवार बनाया है. वासुदेव देवनानी ने विधानसभा अध्यक्ष के लिए नामांकन दर्ज कराया है. हालांकि, चुनाव से पहले ही कांग्रेस ने वासुदेव देवनानी को अपना समर्थन दे दिया. अशोक गहलोत ने देवनानी के नाम का प्रस्ताव दिया. गोविंद डोटासरा ने प्रस्ताव का अनुमोदन किया. ऐसे में विधानसभा अध्यक्ष पद पर वासुदेव देवनानी निर्विरोध निर्वाचन होना तय माना जा रहा है. राजस्थान में हमेशा से निर्विरोध स्पीकर का चुनाव होता रहा है.
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