
Rajasthan Politics: राजस्थान में विधानसभा चुनाव के नतीजों में अब मात्र एक दिन का समय बाकी रह गया है. कल यानी कि 3 दिसंबर को वोटों की गिनती होनी है. जिसकी प्रशासनिक तैयारियां अंतिम दौर में है. दूसरी ओर एग्जिट पोल के बाद से प्रदेश के राजनेताओं की सक्रियता भी बढ़ गई है. भाजपा खेमे से पूर्व मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे एग्जिट पोल के बाद से खासा एक्टिव नजर आ रही हैं. उन्होंने शुक्रवार शाम जयपुर में राजभवन जाकर राज्यपाल कलराज मिश्र से मुलाकात की. साथ ही वो जयपुर स्थित राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (RSS) के कार्यालय में भी पहुंची.
सक्रियता दे रही संकेत?
दरअसल राजस्थान के रिजल्ट से पहले गुरुवार को जारी विभिन्न एजेंसियों के एग्जिट पोल में भाजपा को सत्ता में वापस आने की बात कही गई है. गुरुवार को जारी 10 एग्जिट पोल में से 7 ने राजस्थान में भाजपा की सत्ता में वापसी की संभावना जताई है, वहीं तीन ने कांग्रेस को बढ़त दिखाया है.
एग्जिट पोल की रिपोर्ट आने के बाद से प्रदेश में भाजपा कार्यकर्ताओं में खुशी है. पार्टी के बड़े नेताओं ने भी स्पष्ट बहुमत के साथ सरकार बनाने का दावा किया है. वसुंधरा ने एग्जिट पोल पर कुछ विशेष तो नहीं कहा है लेकिन उनकी पोल के बाद उनकी बढ़ी सक्रियता खुद से कई संकेत दे रही है.
जयपुर स्थित राजभवन पहुंचकर राज्यपाल महोदय श्री कलराज मिश्र जी से शिष्टाचार मुलाकात की।@KalrajMishra @RajBhavanJaipur pic.twitter.com/YGKXCiari1
— Vasundhara Raje (@VasundharaBJP) December 1, 2023
वसुंधरा राजे जता रहीं दावेदारी
वसुंधरा राजे ने राज्यपाल से मुलाकात को शिष्टाचार मुलाकात बताया. लेकिन इस मुलाकात की टाइमिंग काफी कुछ बयां कर रही हैं. वसुंधरा से पहले गुरुवार को सीएम गहलोत भी राजभवन पहुंचे थे. फाइनल रिजल्ट क्या होगा यह तो 3 दिसंबर का दिन तय करेगा. लेकिन इतना तय है कि वसुंधरा अभी से सीएम चेयर पर अपनी दावेदारी जता रही हैं.
सीएम के रेस में सबसे आगे..
राज्य के सियासी पंडितों की माने तो राज्य में भाजपा खेमे से सीएम फेस की रेस में वसुंधरा सबसे आगे हैं. प्रदेश की जनता भी महारानी को मुख्यमंत्री बनाना चाहती है. बीते दिनों एनडीटीवी की सर्वे में भाजपा खेमे से मुख्यमंत्री पद के लिए 27 फीसदी लोगों ने वसुंधरा को अपनी पहली पसंद बताया था. राजस्थान के चुनावी प्रचार अभियान पर गौर करें तो यह साफ दिखता है कि शुरुआती साइडलाइन की चर्चा के बाद वसुन्धरा राजे ने न केवल अपना कद बड़ा किया. बल्कि वो पार्टी नेताओं की उम्मीदों पर भी खड़ी उतरीं.
वसुंधरा राजे ने की 60 से अधिक जनसभा
राज्य के प्रचार अभियान में वसुंधरा ने भाजपा खेमे से सबसे अधिक करीब 60 सभाएं की. इसमें राजे की कई सभाएं में भारी भीड़ भी जुटी. प्रदेश के सभी वर्गों से मेलजोल बढ़ाते हुए राजे ने खुद को नंबर-1 साबित किया. 58 से अधिक भाजपा उम्मीदवारों ने राजे से अपने-अपने निर्वाचन क्षेत्रों में अभियान का नेतृत्व करने का अनुरोध किया, जिससे वह चुनावी परिदृश्य में एक अपरिहार्य ताकत बन गईं.
एग्जिट के पोल के बढ़ी सक्रियता
जैसे-जैसे नतीजों का समय नजदीक आता जा रहा है वैसे-वैसे वसुंधरा अपना कद और बढ़ाती जा रही हैं. अब चुनावी नतीजे फेवर में आने के बाद वसुंधरा को सीएम बनाने की मांग पूरजोर तरीके से उनके कार्यकर्ता और समर्थक विधायक उठाएंगे. एग्जिट पोल के बाद राजे ने अपनी सक्रियता को बढ़ाकर इस बात को और बल दे दिया है.
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