Rajasthan Politics: कहा जाता है कि कोई भी बड़ा राजनेता जब मंच से खड़ा होकर कोई बात बोलता है, तो उसका कोई ना कोई मतलब जरूर होता है. इसीलिए राजनेताओं द्वारा कही गई बातों को सुर्खियों में बदलते देर नहीं लगती है. राजस्थान की पूर्व मुख्यमंत्री और झालरापाटन की स्थानीय विधायक वसुंधरा राजे सिंधिया ने झालरापाटन में महाराणा प्रताप की प्रतिमा के अनावरण के मौके पर मंच से कई बड़ी बातें बोलीं. हालांकि उन्होंने कुछ भी स्पष्ट रूप से नहीं कहा लेकिन कई बातें ऐसी कहीं जो राजनीतिक गलियारों में चर्चा का विषय बन गई है.
'आजकल लोग पीठ में छुरा घोपनें में माहिर'
वसुंधरा राजे सिंधिया ने महाराणा प्रताप के जीवन से प्रेरणा लेने की बात करते हुए कहा कि बादल कुछ देर तो सूरज के आगे आकर उसे अदृश्य कर सकते हैं, लेकिन अधिक समय तक सूरज की दमक को रोकने का सामर्थ्य उनमें नहीं होता. उन्होंने ये भी कहा कि आजकल लोग पीठ में छुरा घोपनें में माहिर हैं.
पूर्व सीएम ने कहा कि महाराणा कभी निहत्थे पर वार भी नहीं करते थे, 2 तलवार साथ रखते थे. एक अपने लिए और एक निहत्थे के लिए. राजे ने कहा कि महाराणा ने कभी महिला और बच्चों पर हमला नहीं किया.
अपने संबोधन के दौरान वसुंधरा राजे सिंधिया ने कहा कि सांप से कितना ही प्रेम करलो,वह अपने स्वभाव के अनुरूप कभी न कभी तो आप पर जहर उगलेगा ही. सर कटालो लेकिन दुश्मन के सामने कभी सर मत झुकाओ.
झालावाड़ में हवाई जहाज उतारने की तैयारी
पूर्व सीएम ने महाराणा प्रताप की 10 सीखे बताते हुए कहा कि समय का चक्र पहिये सा घूमता है. महाराणा का जीवन दर्शन हमें यही सिखाता है कि महलों में मखमल पर सोने वाले राजा को भी कभी जंगल में कांटों पर सोना पड़ता है. महाराणा का सिद्धांत था अत्यंत विकट परिस्थिति में भी जो हार नहीं मानता है,जीत उसी की होती है. जो सुख में अति प्रसन्न और संकट में डर कर झुक जाते हैं, उन्हें न तो सफलता मिलती और न ही इतिहास उन्हें याद रखता है.
इस दौरान उन्होंने झालावाड़ में हवाई सेवा जल्द से जल्द शुरू करने की बात कही. उन्होंने कहा कि यहां पर सड़कों का जाल बिछ गया है, ट्रेन आ गई है, बस अब हवाई जहाज बाकी है, जिसे जल्द उतारने की तैयारी है.
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