Rajasthan Vegetables Price: बारिश ने घरों की रसोई का खर्चा 2 हजार से 4 हजार तक कर दिया है. टमाटर 100 रुपए से लेकर 120 रुपए प्रति किलो तक पहुंच गया है. अरबी, भिंडी और टिंडे जैसी सब्जियां भी 80 से 100 रुपए प्रति किलो के हिसाब से मिल रही हैं. स्थानीय सब्जियों के दाम भी आसमान पर हैं. राजस्थान के मारवाड़ इलाके में उगने वाली काकड़ियां 40 से 50 रुपए प्रति किलो बिक रही है. ग्वारफली का भाव 150 से 225 रुपए प्रति किलो तक पहुंच चुका है. फलों के मुकाबले सब्जियों के भावों में रोजाना इजाफा हो रहा है.
सब्जियों में आवक कम होने से बढ़े दाम
ज्यादातर सब्जियां बाहर से आती हैं. आवक में कमी होते ही भाव बढ़ जाते हैं. बाहर से आने वाली सब्जियों में गुजरात से फूल गोभी, पत्ता गोभी, परवल, शिमला मिर्च, घीया, बैंगन और तोरई, टमाटर और प्याज़ नासिक से, रतलाम से खीरा और देशी मिर्च, अरबी और लौकी पंजाब और यूपी से आते हैं. इन सभी जगहों से जरूरत का आधा यानी 50% माल ही पहुंच पा रहा है.
सब्जियों के मुकाबले फलों के दाम आधे
सब्जियों के बढ़े दामों ने फलों की वैल्यू कम कर दी है. आमतौर पर जहां फल महंगे और सब्जियां सस्ती होती हैं. लेकिन, अभी उल्टा हो रहा है. इन दिनों सब्जियां फलों से अधिक रेट पर बिक रही हैं. आमों की बंपर आवक के कारण 50 रुपए प्रति किलो के भाव से आम मिल रहे हैं.
पपीता 40 से 50 रुपए प्रति किलो बिक रहा है
पपीता 40 रुपए से 50 रुपए और केले 35 रुपए से 40 रुपए प्रति किलो के भाव मिल रहे हैं. इन भावों के होते हुए भी ग्राहक मोल-भाव कर कीमत कम करवा लेता है. विक्रेता कम कीमत में भी फल बेच देता है. लेकिन, सब्जियों के साथ ऐसा नहीं है. यही वजह है कि इन दिनों सब्जियों के मुकाबले फलों की बिक्री अधिक है.
बारिश की वजह से सब्जियों के दाम बढ़े
बीकानेर की कोटगेट सब्जी मंडी के व्यापारी मनोज कुमार मारू बताते हैं कि इन दिनों पंजाब, यूपी, गुजरात और नासिक आदि इलाकों में बारिश हो रही है. इसी वजह से सब्जियों की आवक कम हो रही है. सब्जियों की आवक में 50% की कमी आई है, इसके अलावा चातुर्मास में सावे होने की वजह से सब्जियों की मांग में काफी इजाफा हुआ. इसकी वजह से सब्जियों के दाम बढ़ गए हैं.