राजस्थान की झीलों की नगरी उदयपुर अपने प्राकृतिक सौंदर्य के लिए प्रसिद्ध है. अगस्त की बेरुखी के बाद सितंबर में आई बारिश ने उदयपुर के मौसम का रुख बदल दिया है. सुबह के घने बादलों ने शहर को एक अलग ही रूप दे दिया है. बारिश के बाद उदयपुर का नजारा देखने लायक हो गया है.
बारिश के दौरान झीलों के आसपास का नजारा
2 दिनों से हो रही बारिश के बाद उदयपुर की झीलों के आसपास का नजारा देखते ही बनता है. जैसे मानो बादलों ने पहाड़ों को अपनी आगोश में ले लिया हो. शहर की प्रमुख झीलों, पीछोला और फतहसागर के आसपास का विहंगम दृश्य देखते ही बनता है. इन झीलों में बारिश के पानी से उठता हुआ धुंधलापन और झील के किनारे लगे पेड़-पौधे एक अद्भुत दृश्य प्रस्तुत करते हैं.
शहर की लाइफलाइन है झीलें
उदयपुर की झीलें शहर की लाइफलाइन हैं. इन झीलों के कारण ही उदयपुर को झीलों की नगरी कहा जाता है. इन झीलों के किनारे बने महल और मंदिर शहर की सुंदरता में चार चांद लगा देते हैं.
पहाड़ियों से घिरा उदयपुर
चारों तरफ अरावली की पहाड़ियों से घिरे होने के कारण उदयपुर एक हरियाली से भरा शहर है. बारिश के बाद शहर की हरियाली और भी निखर जाती है. इन अद्भुत प्राकृतिक सौंदर्य के कारण उदयपुर को राजस्थान का कश्मीर कहा जाता है.
पर्यटकों के लिए आकर्षण
सितंबर में बारिश के बाद उदयपुर पर्यटकों के लिए एक आकर्षण का केंद्र बन जाता है. देशी और विदेशी पर्यटक इस दौरान उदयपुर घूमने आते हैं. बारिश के बाद उदयपुर का नजारा एक अलग ही रूप ले लेता है. झीलों में उठता हुआ धुंधलापन, हरियाली से भरा शहर और घने बादल पर्यटकों को अपनी ओर आकर्षित करते हैं.