Rajasthan News: राजस्थान के कांकरदोपा गांव और उसके आसपास के इलाके का पानी जहरीला हो गया है. किसानों के ट्यूबवेल से इस वक्त रासायनिक युक्त पानी निकल रहा है, जो ना पीने योग्य है, और ना ही सिंचाई योग्य. इस कारण किसानों को गंभीर समस्या का सामना करना पड़ रहा है. उनका कहना है कि यह पानी खेतों में जमा होकर गेहूं और सरसों की फसल को नुकसान पहुंचा रहा है.
1 महीने से बनी हुई है समस्या
यह समस्या पिछले लगभग एक महीने से चली आ रही है. किसान राजवीर, ओम प्रकाश, महेश कुमार और अन्य ने बताया कि गांव के ट्यूबवेलों से पिछले एक महीने से बदबूदार, तेल जैसा पानी आ रहा है. जब इस पानी को बोतल में रखा जाता है, तो कुछ समय बाद इसमें एक तेल जैसा पदार्थ जम जाता है. इसके अलावा, खेतों में सिंचाई में भी कठिनाई हो रही है, जिससे किसानों को काफी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है.
6 महीने पहले हुई थी पानी की जांच
बहरोड़ जलदाय विभाग के अधिशासी अभियंता रामकिशोर यादव से जब इस बारे में बातचीत की गई तो उन्होंने बताया, 'लगभग छह महीने पहले ही पानी की जांच करवाई गई थी, जिसमें विभाग के मानकों के अनुसार कोई समस्या नहीं आई. हालांकि, इसके बाद प्रदूषण नियंत्रण मंडल को इस पानी की पुनः जांच कराने के लिए पत्र लिखा जाएगा.
रसायन युक्त पानी से फसल को भी नुकसान
कांकरदोपा गांव और उसके आस-पास के किसानों को ट्यूबवेल से निकल रहे रसायन युक्त पानी की एक गंभीर समस्या का सामना करना पड़ रहा है. इस क्षेत्र के किसान, जो अपनी फसलों की सिंचाई के लिए इन ट्यूबवेलों पर निर्भर हैं, अब इस पानी के जहरीले तत्वों के कारण चिंतित और परेशान हैं. किसानों का कहना है कि जब वे गांव के नजदीक स्थित ट्यूबवेल से मोटर चलाते हैं, तो अत्यधिक बदबूदार और रासायनिक तत्वों से भरा पानी बाहर आता है, जिससे उनकी फसलों को नुकसान हो रहा है.
सिंचाई से खेतों में तेल जैसा पदार्थ हो रहा जमा
किसानों ने अपनी समस्याओं को साझा करते हुए बताया कि ट्यूबवेल के पानी से सिंचाई करने के बाद खेतों में एक तेल जैसा पदार्थ जमा हो रहा है. यह स्थिति गेहूं और सरसों की फसलों के लिए बहुत हानिकारक साबित हो रही है, जिससे उनकी पैदावार भी प्रभावित हो रही है. कई किसान अपनी मेहनत के बावजूद इस समस्या के कारण चिंतित हैं और उनकी आर्थिक स्थिति पर भी इसका नकारात्मक प्रभाव पड़ सकता है.
किसानों ने बताया- एक महीने से जारी है समस्या
यह समस्या पिछले लगभग एक महीने से जारी है. किसान राजवीर, ओमप्रकाश, महेश कुमार और अन्य ने बताया कि पिछले एक महीने में गांव के ट्यूबवेलों से लगातार बदबूदार, तेल जैसा पानी आ रहा है. जब इस पानी को बोतल में रखा जाता है, तो कुछ समय बाद इसमें एक तेल जैसा पदार्थ जम जाता है, जो इस पानी की गंभीरता को दर्शाता है. इसके अलावा, सिंचाई में कठिनाई होने के कारण किसानों को फसलों की देखभाल में भी समस्याओं का सामना करना पड़ रहा है.
किसान राजवीर ने कहा, "हम अपनी मेहनत से फसल उगाते हैं, लेकिन इस पानी के कारण हमारी फसलें खराब हो रही हैं. हमें समझ नहीं आ रहा है कि हम क्या करें." अन्य किसानों ने भी अपने अनुभव साझा किए और कहा कि यदि यह समस्या यथाशीघ्र हल नहीं हुई, तो उनकी आजीविका पर खतरा मंडरा सकता है.
अधिकारी बोले- फिर से कराएंगे पानी की जांच
रामकिशोर यादव, अधिशासी अभियंता, जलदाय विभाग ने कहा किसानों की चिंताओं को देखते हुए, लगभग छह महीने पहले इस पानी की जांच करवाई गई थी, जिसमें विभाग के मानकों के अनुसार कोई समस्या नहीं पाई गई थी. लेकिन अब, किसानों की परेशानियों के मद्देनजर, प्रदूषण नियंत्रण मंडल को इस पानी की दोबारा जांच कराने के लिए पत्र लिखा जाएगा.
"हम किसानों की समस्याओं को गंभीरता से ले रहे हैं और आवश्यक कदम उठाने के लिए तैयार हैं. हम जल्द ही इस पानी की पुनः जांच कराने की प्रक्रिया शुरू करेंगे ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके कि किसानों को सुरक्षित और स्वच्छ जल प्राप्त हो सके."
इस मामले की गंभीरता को देखते हुए, स्थानीय प्रशासन और संबंधित विभाग को किसानों की समस्या का समाधान करने के लिए तत्परता से काम करने की आवश्यकता है, ताकि किसानों को राहत मिल सके और उनकी फसलों को सुरक्षित रखा जा सके.
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