
Rajasthan Udaan Yojana: राजस्थान विधान सभा के नेता प्रतिपक्ष टीकाराम जूली ने प्रदेश की करोड़ों मां, बहिनों और बेटियों के स्वास्थ्य और सुरक्षित जीवन के लिये पूर्ववर्ती कांग्रेस सरकार द्वारा शुरू की गई उड़ान योजना को अविलम्ब शुरू किये जाने को लेकर मुख्यमंत्री को भावनात्मक पत्र लिखा है. प्रतिपक्ष के नेता टीकाराम जूली ने बताया कि मेंस्ट्रूअल हाइजीन ऐसा विषय है जिस पर हमारे समाज में खुलकर चर्चा नहीं होती है, इसी कारण इस विषय पर समाज में जागरूकता की कमी है, लेकिन अब समय आ गया है, जब इस विषय पर न सिर्फ खुलकर चर्चा की जाए, वरन् इसे सरकार अपनी प्राथमिकता में शामिल भी करें.
टीकाराम जूली ने पत्र में क्या लिखा
जूली ने मुख्यमंत्री को लिखे पत्र में बताया कि नेशनल फैमिली हैल्थ सर्वे (NFHS-4) 2015-16 के मुताबिक राजस्थान में केवल 47.9 प्रतिशत महिलाएं ही मेंस्ट्रूअल हाइजीन के बारे में जागरूक थीं और सैनेटरी पैड का उपयोग करती थीं. महिलाओं की आधी से अधिक आबादी जागरूकता एवं संसाधनों की कमी के कारण सैनेटरी नैपकिन का इस्तेमाल नहीं कर पाती थीं, जिसके कारण उन्हें स्वास्थ्य सम्बन्धी समस्याओं तथा कैंसर जैसी गम्भीर बीमारी तक का सामना करना पड़ता था और इसे ध्यान में रखते हुए ही अशोक गहलोत के नेतृत्व वाली पूर्ववर्ती कांग्रेस सरकार ने वर्ष 2021 में 11 से 45 वर्ष की महिलाओं तथा स्कूली छात्राओं के लिए उड़ान योजना शुरू की थी. इस योजना का उद्देश्य महिलाओं और छात्राओं को माहवारी के समय सैनेटरी पैड उपलब्ध करवाना था. इस योजना के लिए महिला अधिकारिता विभाग को नोडल एजेंसी बनाया गया और विभाग की ओर से सैनेटरी पैड वितरण के लिए डिमांड RMSCLको भेजा जाता है.
प्रतिपक्ष के नेता जूली ने बताया कि पूर्ववर्ती सरकार के कार्यकाल में आंगनबाडी, स्कूल और कॉलेजों के माध्यम से घर-घर तक सैनेटरी नैपकिन पहुंचाने का प्रयास किया गया, जो काफी सफल भी रहा. हमारी सरकार ने उडान योजना शुरू कर सभी महिलाओं तक सैनेटरी नैपकिन पहुंचाने का लक्ष्य रखा. इसका नतीजा यह हुआ कि NFHS-5 में सैनेटरी नैपकिन इस्तेमाल करने वाली महिलाओं की संख्या 81.9 प्रतिशत तक हो गई, जिसे 100 प्रतिशत तक पहुंचाने का लक्ष्य रखा गया था, ताकि हमारी किसी भी मां, बहिन और बेटी को कोई बीमारी नहीं हो सके.
यह बेहद दुःख का विषय है कि राज्य में वित्त और महिला तथा बाल विकास मंत्रालय, दोनों ही एक महिला मंत्री के ही पास हैं, लेकिन यह योजना ठण्डे बस्ते में डाली जा चुकी है. यह योजना सीधे तौर पर महिलाओं के स्वास्थ्य से जुड़ी हुई है. पिछले 9 माह से महिलाओं को वितरित करने के लिए सैनेटरी नैपकिन नहीं खरीदे गये हैं. इससे हमारी करोड़ों मां, बहिन और बेटियों को परेशानी हो रही है. वे सम्भवतः झिझक के कारण अपना दुःख भी किसी के सामने जाहिर नहीं कर पा रही हैं. यह बहुत गम्भीर और संवेदनशील विषय है.
जूली ने अपने पत्र में लिखा कि मैं भी दो बेटियों का पिता हूं और प्रदेश की बेटियों की तकलीफ को भली प्रकार से समझ सकता हूं. उन्होंने मुख्यमंत्री से आग्रह किया है कि उड़ान योजना को सरकार की प्राथमिकताओं में शामिल कर इसे अविलम्ब शुरू किया जाए. उन्होंने यह भी बताया कि यदि सरकार को इस योजना में कोई सकारात्मक बदलाव करना हो तो वह करें, लेकिन जल्द से जल्द इस योजना को शुरू करे, ताकि प्रदेश की नारी शक्ति स्वस्थ्य और सुरक्षित रहे.
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