
राजस्थान में आचार संहिता लगने से ठीक पहले राजस्थान लोक सेवा आयोग (आरपीएससी) के सदस्य बनाए गए कर्नल केसरी सिंह राठौड़ को लेकर प्रदेश की राजनीति में सियासी भूचाल आया हुआ है. मामला इतना बढ़ चुका है कि शुक्रवार की शाम मुख्यमंत्री अशोक गहलोत को सोशल मीडिया प्लेटफार्म एक्स पर पोस्ट करके माफी मांगनी पड़ी. इस बाबत नेता प्रतिपक्ष राजेंद्र राठौड़ ने कहा हर गलती सजा मांगती है, आखिरकार कब तक गलतियों पर गलतियां करते रहेंगे मुख्यमंत्री अशोक गहलोत.
मुख्यमंत्री ने संवैधानिक तंत्रों का दुरुपयोग किया- राठौड़
मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने पहले महाभ्रष्ट आरपीएससी सदस्य बाबूलाल कटारा की नियुक्ति करके गलती की. इसी प्रकार डीपी जारोली की नियुक्ति करके गलती की, जिसे बर्खास्त करना पड़ा. एक तरफ आदर्श आचार संहिता लग रही थी, वहीं दूसरी तरफ आप राजनीतिक उद्देश्यों की पूर्ति के लिए संवैधानिक तंत्रों का दुरुपयोग कर नियुक्तियों की रेवड़ियां बांट रहे थे. राजस्थान पूछ रहा है कि आपकी ऐसी क्या मजबूरी थी कि आपको आचार संहिता के समय नियुक्तियां करनी पड़ी.
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राजेंद्र राठौड़ ने कहा कि प्रदेश में 70 लाख युवाओं के साथ धोखा हुआ है. पेपरलीक की घटनाएं इस सरकार पर बदनुमा दाग है. जिस आरपीएससी की साख थी उसे नष्ट कर दिया गया. मुख्यमंत्री अशोक गहलोत का बयान यह दर्शाता है कि प्रदेश में 70 लाख युवाओं का जो भविष्य पेपरलीक की वजह से खराब हुआ है और उसके जिम्मेदार स्वयं मुख्यमंत्री गहलोत हैं.
एक तरफ हमारी सरकार ने 3 लाख भर्ती निकालने का ऐतिहासिक कार्य किया जो शायद देश में सर्वाधिक है और दूसरी तरफ पेपर लीक की कुछ घटनाएं सामने आईं (अधिकांश राज्यों में ऐसी ही स्थिति बनी हुई है, आर्मी और ज्यूडिशियरी तक में पेपर लीक हो गए)। ये सोचकर सरकार ने प्रयास किया कि आर्मी बैकग्राउंड…
— Ashok Gehlot (@ashokgehlot51) October 13, 2023
मेरे से दुर्भाग्यपूर्ण घटना हो गई- अशोक गहलोत
गहलोत ने एक्स पर पोस्ट करते हुए लिखा कि हाल ही में सरकार ने RSSB के अध्यक्ष के रूप में मेजर जनरल आलोक राज एवं RPSC में सदस्य के रूप में कर्नल केसरी सिंह की नियुक्ति की सिफारिश की थी. इन दोनों ने ना तो अप्लाई किया और ना ही इनकी कोई सिफारिश आई. इनकी 37 साल और 20 साल की सैन्य सेवाओं को देखते हुए इनको नियुक्त किया गया. किसी भी सेना में रहे व्यक्ति से जाति, धर्म, वर्ग इत्यादि से ऊपर उठकर देशसेवा की उम्मीद की जाती है.
सैनिक देश की सीमाओं की रक्षा के लिए अपनी जान तक न्यौछावर कर देते हैं इसलिए उनका समाज में सम्मान होता है. कर्नल केसरी सिंह की नियुक्ति के बाद सोशल मीडिया पर उनके कुछ बयान वायरल हुए हैं जो जाति विशेष और व्यक्ति विशेष को लेकर दिए गए हैं जो निंदनीय, पीड़ादायक एवं दुर्भाग्यपूर्ण हैं. उनकी टिप्पणियों से मुझे भी बेहद दुख पहुंचा है. हमारी सरकार ने उनके सैन्य बैकग्राउंड को देखते हुए उनकी नियुक्ति की सिफारिश की थी.
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