विज्ञापन

Rajasthan Politics: रविंद्र सिंह भाटी की ये मांग क्या पूरी करेगी केंद्र सरकार? शिव विधायक ने रेल मंत्री को लिखा पत्र

Ravindra Singh Bhati Letter to Ashwini Vaishnaw: राजस्थान की शिव विधानसभा सीट से निर्दलीय विधायक रविंद्र सिंह भाटी ने सोमवार देर शाम रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव को एक पत्र लिखते हुए बड़ी मांग कर दी है.

Rajasthan Politics: रविंद्र सिंह भाटी की ये मांग क्या पूरी करेगी केंद्र सरकार? शिव विधायक ने रेल मंत्री को लिखा पत्र
अश्विनी वैष्णव और रवींद्र सिंह भाटी

Rajasthan News: पहले विधानसभा चुनाव और फिर लोकसभा चुनाव में निर्दलीय उम्मीदवार के तौर पर खड़े होकर बीजेपी को कड़ी चुनौती देने वाले रविंद्र सिंह भाटी (Ravindra Singh Bhati) ने सोमवार देर शाम रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव (Ashwini Vaishnaw) को एक पत्र लिखा है. इस पत्र के जरिए उन्होंने 1965 में भारत-पाक युद्ध के दौरान शहीद हुए रेलवे कार्मिकों की याद में म्यूजियम बनाने की मांग की है. इस लेटर की वर्चुअल कॉपी अपने आधिकारिक एक्स अकाउंट से शेयर करते हुए शिव विधायक ने अश्विनी वैष्णव को टैग भी किया है.

बाड़मेर जिले का गडरारोड़ रेलवे स्टेशन

भाटी ने लिखा, 'मैं इस पत्र के माध्यम से भारत के पहले छोर पर अवस्थित उस रेलवे स्टेशन के बारे मे आपको अवगत करवाना चाहूंगा जो भारतीय रेलवे के गौरवशाली इतिहास एवं अपनी विशिष्ट सामरिक अवस्थिति में एक विशेष स्थान रखता है. बाड़मेर जिले का गडरारोड़ रेलवे स्टेशन, जहां भारत ही नहीं बल्कि वैश्विक इतिहास का एकमात्र ऐसा मेला भरता है, जो रेलवे के कर्मचारियों की शहादत में आयोजित किया जाता है. 1965 के भारत-पाक युद्ध के दौरान जहां एक तरफ दुर्गम रेगिस्तान में हमारे जांबाज सिपाही दुश्मनों से लड़ रहे थे. वहीं इस लड़ाई में एक बड़ा योगदान रेलवे कर्मचारियों का भी रहा है. 

17 रेलवे कार्मिकों ने दिया था बलिदान

भाटी ने बताया, '09 सितंबर 1965 का दिन, जब सैनिकों तक युद्ध रसद सामग्री पहुंचाना जरूरी था, इसलिए बाड़मेर से रेलवे कर्मचारियों के साथ सेना के जवान रेल से सामान लेकर गडरारोड़ के लिए रवाना हुए. रेल जैसे ही गडरारोड़ की गोलाई में पहुंची तो अचानक आसमान से बमबारी और गोलाबारी शुरू हो गई. पाकिस्तानी वायुसेना द्वारा लगातार बमबारी की जा रही थी, जिससे रेल के अंतिम कोच में आग लग गई. तभी इंजन चालक व अन्य रेलवे कार्मिकों ने बहादुरी व वीरता का परिचय देते हुए उस कोच को रेल से अलग कर रेलगाड़ी को रवाना किया. रेल का अंतिम डिब्बा होने के कारण उसमें अधिकाशं रेलवे कर्मचारी थे, जिनमें से 17 रेलवे कार्मिकों ने देश की रक्षा के लिए अपना सर्वोच्च बलिदान दिया.'

युद्ध स्थल पर म्यूजियम बनाने की मांग

रविंद्र ने कहा, 'वैसे तो इस घटना को घटे 59 वर्ष बीत गए, लेकिन भारतीय रेलवे द्वारा इस शहादत स्थल सिर्फ एक शहीद मेला ही आयोजित किया जाता है. यह भारतीय रेलवे के लिए अद्वितीय मिसाल है कि रेलवे के 17 कार्मिकों ने देश की रक्षा के लिए पटरियों पर दुश्मन का सामना करते हुए राष्ट्र हित में अपने प्राणों की आहुति दी है. मैं आपसे निवेदन करना चाहता हूं कि भारत-पाक सीमा पर अवस्थित इस युद्ध स्थल को जैसलमेर के लोंगेवाला युद्ध स्थल की तर्ज पर म्यूजियम के रूप में विकसित किया जाए ताकि 1965 के युद्ध में शहीद रेलवे कार्मिकों की शहादत आने वाली पीढ़ियों के जहन में ताजा रहे. साथ ही इन महान देश भक्तों को सच्ची श्रद्धांजलि मिल सके.'

ये भी पढ़ें:- अशोक गहलोत ने भजनलाल सरकार से कहा- 'छात्र संघ चुनाव करवाएं, हमारी सरकार वाली... अब परिस्थिति नहीं'

Rajasthan.NDTV.in पर राजस्थान की ताज़ातरीन ख़बरों को ट्रैक करें. देश और दुनियाभर से न्यूज़ अपडेट पाएं. इसके अलावा, मनोरंजन की दुनिया हो, या क्रिकेट का खुमार, लाइफ़स्टाइल टिप्स हों, या अनोखी-अनूठी ऑफ़बीट ख़बरें, सब मिलेगा यहां-ढेरों फोटो स्टोरी और वीडियो के साथ.

फॉलो करे:
डार्क मोड/लाइट मोड पर जाएं
Previous Article
Rajasthan Politics: अरविंद केजरीवाल के इस्तीफे से ठीक पहले कांग्रेस प्रभारी का बड़ा बयान, बोले- 'कोई चारा नहीं था'
Rajasthan Politics: रविंद्र सिंह भाटी की ये मांग क्या पूरी करेगी केंद्र सरकार? शिव विधायक ने रेल मंत्री को लिखा पत्र
Killed the elder brother, came out on bail and killed the younger brother and threw him in the aahu river in jahlawar; property became the reason
Next Article
बड़े भाई की हत्या की, जमानत पर बाहर आया और छोटे भाई की हत्या कर आहू नदी में फेंका; जायदाद बनी वजह
Close