Knee Arthritis: घुटने के गठिया समस्या को न करें नजर अंदाज, हो सकते हैं गंभीर दुष्परिणाम

World Arthritis Day: डॉ. तोमर ने चेतावनी दी कि घुटने के गंभीर गठिया से रोगियों की रीढ़ की हड्डी पर अधिक दबाव पड़ सकता है, विशेषकर जब वे धनुषाकार पैर से चलते हैं.

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Health News: एक उम्र निकले के बाद लगभग सभी लोग घुटनों के दर्द से परेशान रहते हैं. जिसके बाद कुछ इसका समय पर इलाज करवा लेते हैं और कुछ इसको अनदेखा करते रहते हैं. यदि आप भी इसकों अनदेखा करते है तो अब सावधान हो जाइए क्योंकि घुटने के गठिया की समस्या, विशेष रूप से ऑस्टियोआर्थराइटिस होती है.

साथ ही अगर इसका समय पर पता न लगाया जाए और उचित उपचार में देरी की जाए, तो यह स्थिति गंभीर हो सकती है. इस बीमारी में न केवल घुटनों को बल्कि रीढ़ की हड्डी को भी नुकसान पहुंच सकता है. विश्व गठिया दिवस के अवसर पर स्वास्थ्य विशेषज्ञों ने इस विषय पर महत्वपूर्ण जानकारी साझा की है.

गठिया के लक्षणों की न करें अनदेखी

घुटने में गठिया जोड़ों की एक अपक्षयी बीमारी है, जो मुख्यतः वयस्कों को प्रभावित करती है. इसके लक्षणों में घुटनों में दर्द, अकड़न और चलने-फिरने में कमी शामिल हैं. विशेषज्ञों का कहना है कि समय पर उपचार न मिलने से रोगियों में जीवन की गुणवत्ता पर भी नकारात्मक प्रभाव पड़ सकता है. 

ऑस्टियोआर्थराइटिस के कारण होता है

दिल्ली के मैक्स सुपर स्पेशलिटी अस्पताल के डॉ. एल. तोमर के अनुसार, 70 प्रतिशत से अधिक मामलों में घुटने के गठिया का मुख्य कारण ऑस्टियोआर्थराइटिस है. यह समस्या घुटने के ज्वाइंट कंपार्टमेंट के कार्टिलेज को धीरे-धीरे प्रभावित करती है, जिससे हड्डियों के बीच खाली जगह कम हो जाती है.

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रीढ़ की हड्डी पर पड़ता है प्रभाव 

आगे डॉ. तोमर ने चेतावनी दी कि घुटने के गंभीर गठिया से रोगियों की रीढ़ की हड्डी पर अधिक दबाव पड़ सकता है, विशेषकर जब वे धनुषाकार पैर से चलते हैं. ऐसे मामलों में, न्यूनतम चीर-फाड़ के साथ घुटने को बदलने की आवश्यकता हो सकती है. इसके बाद फोर्टिस अस्पताल के डॉ. प्रवीण गुप्ता ने बताया कि तंत्रिका तंत्र से जुड़ी समस्याएं भी गठिया के परिणामस्वरूप उत्पन्न हो सकती हैं, लेकिन इन्हें अक्सर अनदेखा किया जाता है.

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