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This Article is From Feb 24, 2024

IPL 2024: क्या जयपुर में नहीं होंगे आईपीएल के मैच? खेल परिषद ने सवाई मानसिंह स्टेडियम को किया सीज

आईपीएल शुरू होने से पहले खेल परिषद ने बड़ा एक्शन लिया है. इसमें सवाई मानसिंह स्टेडियम पर ताला जड़ दिया गया है. आईपीएल शुरू होने से पहले यह कार्रवाई खेल प्रेमियों के लिए चिंता का विषय बनी हुई है.  

IPL 2024: क्या जयपुर में नहीं होंगे आईपीएल के मैच? खेल परिषद ने सवाई मानसिंह स्टेडियम को किया सीज
सवाई मानसिंह स्टेडियम (फाइल फोटो)

Rajasthan News: IPL 2024 शुरू होने वाला है, जिसको लेकर पूरे देश में उत्साह का माहौल है. लेकिन इस बीच राजस्थान से एक ऐसी खबर निकलकर सामने आई है, जिसने राजस्थान के क्रिकेटप्रेमियों को निराश कर दिया है. जानकारी के अनुसार सवाई मानसिंह स्टेडियम (Sawai Mansingh Stadium) को खेल परिषद द्वारा सीज कर दिया है. स्टेडियम सील होने के बाद अब यह सवाल उठने लगा है कि क्या जयपुर में इस बार आईपीएल के मैच खेले जाएंगे या नहीं. मालूम हो कि हाल ही में जारी हुए आईपीएल के शेड्यूल में जयपुर में तीन मैच रखे गए थे. 

स्टेडियम सील किए जाने के पीछे आरसीए पर बकाया चल रहे करीब 38 करोड़ रुपए का भुगतान नहीं किया जाना बताया जा रहा है. शुक्रवार को खेल परिषद ने आरसीए को दी गई सभी संपत्तियों पर अपना कब्जा लिया. खेल परिषद की ओर से आरसीए को संपत्तियां खाली करने के लिए शुक्रवार शाम 4:30 बजे तक का समय दिया गया था.
 

समय पूरा होने के साथ ही एसएमएस , आरसीए ऑफिस, एकेडमी और होटल को कब्जे में लेते हुए उस पर ताला जड़ दिया. साथ ही आरसीए के बैंक खाते को सीज करने को लेकर बैंक को चिट्ठी भी लिखी है. 

खेल परिषद ने लिया बड़ा एक्शन

आरसीए अध्यक्ष ने इसे सत्ता परिवर्तन का असर बताया. तो वहीं खेल परिषद सचिव ने आरसीए की ओर से एमओयू की किसी भी शर्त की पालना नहीं किए जाने की बात कही. सवाई मानसिंह स्टेडियम में होने वाले आईपीएल मुकाबले से ठीक पहले शुक्रवार को खेल परिषद ने बड़ा एक्शन लेते हुए आरसीए को दी गई, सभी संपत्तियों को अपने कब्जे में ले लिया. आरसीए पर करीब 29 करोड़ का पुराना बकाया, वर्तमान एमओयू का 5 करोड़ का बकाया और करीब साढ़े 3 करोड़ का बिजली बिल का भुगतान बकाया था. 

RCA अध्यक्ष ने कम समय मिलने का दिया हवाला

खेल परिषद की ओर से की गई इस कार्रवाई को लेकर आरसीए अध्यक्ष वैभव गहलोत ने कहा कि 'आरसीए ने एमओयू एक्सटेंड करने के लिए सरकार को लिखा था. एमओयू एक्सटेंड क्यों नहीं किया गया, इसकी जानकारी नहीं है. लेकिन दो दिन पहले ही ये पता लगा कि आरसीए एकेडमी और दूसरी संपत्तियों को खाली करने का नोटिस आया. जिसे खाली करने के लिए भी बहुत कम समय दिया गया. इससे जो भी खेल गतिविधियां चल रही है, उस पर भी इफेक्ट पड़ेगा.' 

आरसीए अध्यक्ष ने कहा कि 'बकाया भुगतान का मामला बरसो पुराना है, जो कोर्ट के अधीन चल रहा है. जहां तक आईपीएल के मैचों का सवाल है, तो आरसीए पहले भी शानदार आयोजन कराए हैं. ऐसे में एमओयू को लेकर दोबारा मांग रखी जाएगी. उन्होंने स्पष्ट किया कि आईपीएल के वेन्यू और लॉजिस्टिक का डिसीजन बीसीसीआई के पास रहता है. लेकिन बीते सालों में आरसीए ने जयपुर में हुए मैचों में कोई कमी नहीं आने दी. और आगे भी यही चाहेंगे कि यहां जो क्रिकेट का माहौल है, उसको देखते हुए सब कुछ तरीके से निपटारा हो जाए.' 

वैभव गहलोत ने इस कार्रवाई के पीछे सत्ता परिवर्तन वजह होने के सवाल पर कहा कि 'बकाया भुगतान का मामला कोर्ट में है, और एमओयू खत्म होने के बाद जगह खाली करने का समय भी बहुत कम दिया गया. तो ये तो खुद दिख रहा है. हालांकि इस सम्बंध में अब वकील से सलाह मशवरा किया जाएगा.'

'पैसा आने पर जरूर करेंगे भुगतान'

वहीं आरसीए के उपाध्यक्ष शक्ति सिंह ने बताया कि 'MOU समय पर हो जाना चाहिए था. लेकिन किन्हीं कारणों से हो नहीं पाया. अब जब एमओयू खत्म हो ही गया है तो सरकार अपनी संपत्ति ले रही है. ये एक रूटीन प्रक्रिया है. लेकिन इससे खेल और खिलाड़ियों पर असर नहीं पड़ना चाहिए. जहां तक IPL मुकाबलों का सवाल है तो इस संबंध में सरकार से बात करेंगे, ताकि राजस्थान रॉयल्स और बीसीसीआई को जो भी ज़रूरतें हैं, वो उन्हें समय पर उपलब्ध करा सकें. उन्होंने कहा कि RCA का जो भी बकाया है, वो पेमेंट आने पर कर दिया जाएगा. फिलहाल लंबे समय से बीसीसीआई से पेमेंट कम आ रहा था. जो भी पैसा आता था, वह खेल एक्टिविटी में खर्च हो जाता था. स्टेडियम का भी काम चल रहा है. पैसा आएगा तो जरूर भुगतान कर दिया जाएगा.'

'बार-बार नोटिस भेजी जा रही थी नोटिस'

खेल परिषद की ओर से की गई कार्रवाई को लेकर सचिव सोहन राम चौधरी ने स्पष्ट किया कि बकाया भुगतान का नोटिस वर्षों से दिया जा रहा है. इसी संबंध में हाल ही में पहले 9 फरवरी और फिर 21 फरवरी को नोटिस दिया गया. भुगतान चुकाने के बजाय उन्होंने एमओयू को 10 साल आगे बढ़ाने के लिए आवेदन किया था. ताकि खेल की गतिविधि जारी रह सके. लेकिन आरसीए की ओर से एमओयू की किसी भी शर्त का कभी भी पालन नहीं किया गया. 

सरकार के करीब 34 करोड़ रुपए बकाया है. बार-बार नोटिस देने के बाद भी बकाया नहीं चुकाया. एमओयू बढ़ाने की बात आई तब भी बकाया जमा करने का कोई जिक्र नहीं किया गया. यही नहीं एमओयू खत्म होने पर परिसंपत्तियों दोबारा सुपुर्द करने के लिए कहा गया, जिसका भी कोई जवाब नहीं दिया गया. ऐसे में अब आरसीए को एसएमएस स्टेडियम कैंपस में जो भी संपत्तियां दी गई थी, उन्हें वापस ले लिया गया है. जिसमें स्टेडियम, एकेडमी, होटल और कार्यालय शामिल है.

'खिलाड़ियों की सुविधाओं पर लगें पैसे'

खेल परिषद सचिव ने दावा किया कि आगामी दिनों में जो भी खेल होंगे सभी अच्छे से होंगे और वास्तविक खिलाड़ियों को फायदा मिलेगा. खेलों को अच्छा बढ़ावा मिलेगा. चूंकि वर्तमान खेल मंत्री खुद खिलाड़ी रहे हैं, उनकी मंशा है कि जो भी खेल सुविधा है, वो वास्तविक खिलाड़ी को मिले और यदि ₹1 भी आता है, तो वो खिलाड़ी और खेल की सुविधाओं पर लगे.

उन्होंने वैभव गहलोत की ओर से लगाए गए आरोपों का खंडन करते हुए कहा कि भुगतान के सैकड़ों नोटिस दिए गए हैं. परिसंपत्तियां खाली करने के लिए भी नोटिस दिए गए हैं. यहां तक की आरसीए को अपना बिजली का कनेक्शन लेना था, वो तक नहीं लिया. जिसका करीब साढ़े तीन करोड़ रुपए बकाया है. इस कार्रवाई का सरकार बदल होने का कोई कारण नहीं है. एमओयू खत्म हुआ तो परिसंपत्तियों पर कब्जा कर लिया.

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