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ओलंपिक में इतिहास रचने वाली मनु भाकर का खेल रत्न की लिस्ट से नाम गायब, खेल मंत्रालय की आई सफाई

मनु भाकर की उपेक्षा किए जाने की खबरों के बीच खेल मंत्रालय से जुड़े एक सूत्र ने कहा कि अभी नाम तय नहीं हुए हैं और एक सप्ताह में पुरस्कारों का खुलासा होने पर उसका नाम सूची में होगा. 

ओलंपिक में इतिहास रचने वाली मनु भाकर का खेल रत्न की लिस्ट से नाम गायब, खेल मंत्रालय की आई सफाई
मनु भाकर (फाइल फोटो)

Manu Bhakar: ओलंपिक 2024 में दो मेडल जीतने वाली निशानेबाज मनु भाकर का नाम इस साल मेजर ध्यानचंद खेल रत्न पुरस्कार के लिए नामित खिलाड़ियों की सूची से स्पष्ट रूप से गायब है. यह सब ऐसे समय में हुआ है, जब मनु भाकर ने 2024 पेरिस ओलंपिक में 10 मीटर एयर पिस्टल स्पर्धा में कांस्य पदक जीतकर ओलंपिक पदक जीतने वाली पहली भारतीय महिला निशानेबाज बनीं. इसके साथ ही मनु ने इतिहास रचते हुए सरबजोत सिंह के साथ मिश्रित 10 मीटर एयर पिस्टल टीम स्पर्धा में एक और कांस्य पदक जीता. मनु भाकर की उपेक्षा किए जाने की खबरों के बीच खेल मंत्रालय से जुड़े एक सूत्र ने कहा कि अभी नाम तय नहीं हुए हैं और एक सप्ताह में पुरस्कारों का खुलासा होने पर उसका नाम सूची में होगा. 

आवेदन के बावजूद नहीं चुना गया

सोमवार को मनु भाकर से जुड़े सूत्रों ने बताया बताया कि दो बार की पदक विजेता निशानेबाज ने खेल रत्न पुरस्कार के लिए आवेदन किया था, लेकिन उन्हें नहीं चुना गया. यह सभी के लिए चौंकाने वाला है. इसमें एनआरएआई की कोई भूमिका नहीं है. इस बीच, एनआरएआई की ओर से अध्यक्ष कलिकेश नारायण सिंह देव ने मनु भाकर के मामले पर विचार करने के लिए खेल मंत्रालय को पत्र लिखा है.

खेल मंत्रालय से जुड़े सूत्र का बयान

इन खबरों के बीच मंत्रालय के एक सूत्र ने कहा कि अभी अंतिम सूची तय नहीं हुई है. खेलमंत्री मनसुख मांडविया एक या दो दिन में अनुशंसा पर फैसला लेंगे और अंतिम सूची में मनु का नाम होने की पूरी संभावना है. सुप्रीम कोर्ट के रिटायर्ड जज वी रामासुब्रमम की अध्यक्षता वाली 12 सदस्यीय पुरस्कार समिति में भारतीय महिला हॉकी टीम की पूर्व कप्तान रानी रामपाल समेत पूर्व खिलाड़ी भी हैं. मंत्रालय के नियमों के तहत खिलाड़ियों को अपना नामांकन खुद भरने की भी अनुमति है. चयन समिति उन नामों पर भी विचार कर सकती है जिन्होंने आवेदन नहीं किया है.

मंत्रालय ने दावा किया कि मनु ने आवेदन नहीं किया है लेकिन उनके पिता रामकिशन भाकर ने कहा कि उसने आवेदन किया है. उन्होंने कहा, "भारत में ओलंपिक खेलों की कोई अहमियत नहीं है, क्योंकि दो ओलंपिक पदक जीतने के बावजूद मनु की खेलरत्न पुरस्कार के लिये उपेक्षा की गई. देश के लिये खेलने और पदक जीतने का क्या फायदा जब सम्मान के लिये हाथ फैलाने पड़ें. वह पिछले दो तीन साल से लगातार सारे पुरस्कारों के लिये आवेदन कर रही है और मैं इसका गवाह हूं. इसमें खेलरत्न, पद्मभी और पद्मभूषण सम्मान शामिल है."

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