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Indian Railway blanket: एक नहीं, दो नहीं आखिर ट्रेन में मिलने वाले कंबलों की कितनी बार होती है धुलाई, रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव ने बताया

Indian Railway: संसद के शीतकालीन सत्र में राजस्थान से कांग्रेस सांसद कुलदीप इंदौरा ने केंद्रीय रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव से भारतीय रेलवे में इस्तेमाल होने वाले कंबलों को लेकर सवाल किया था, जिसके जवाब के बाद बहस शुरू हो गई है, क्योंकि इसे यात्रियों की स्वच्छता से जोड़ा जा रहा है.

Indian Railway blanket: एक नहीं, दो नहीं आखिर ट्रेन में मिलने वाले कंबलों की कितनी बार होती है धुलाई, रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव ने बताया
Railway Minister Ashwini Vaishnav

Ashwini Vaishnav News: अगर आप अक्सर भारतीय रेलवे (Indian Railway) से सफर करते हैं तो यह खबर आपके लिए काम की साबित हो सकती है. रेलवे में सफर के दौरान यात्री कभी खाने को लेकर तो कभी साफ-सफाई को लेकर शिकायत करते रहते हैं. इसी को लेकर बुधवार को संसद के शीतकालीन सत्र (Parliament Winter Session) में राजस्थान से कांग्रेस सांसद कुलदीप इंदौरा ने केंद्रीय रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव (Ashwini vaishnaw) से सवाल किया था, जिसका जवाब सामने आने के बाद बहस शुरू हो गई है, क्योंकि इसे यात्रियों की स्वच्छता से जोड़कर देखा जा रहा है.

कंबलों की सफाई को लेकर किया था सवाल

कांग्रेस सांसद कुलदीप इंदौरा ने केंद्रीय रेल मंत्री से भारतीय रेलवे में यात्रियों को दिए जाने वाले कंबलों की सफाई को लेकर सवाल किया था. इसका जवाब देते हुए रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव ने कहा कि ट्रेनों में यात्रा के दौरान यात्रियों द्वारा इस्तेमाल किए जाने वाले कंबलों को महीने में कम से कम एक बार धोया जाता है.

कंबलों को मशीनीकृत लॉन्ड्री और लिनन धुलाई के लिए मानक मशीनों और तय रसायनों का उपयोग करके धोया जाता है. ये कंबल धोने में आसान होते हैं क्योंकि ये काफी हल्के होते हैं और यात्रियों को इन्हें कैरी करने में ज्यादा परेशानी नहीं होती है. लेकिन महीने में एक बार धोने की बात सामने आने के बाद अब रेलवे में सफर करने वाले लोग अपनी सेहत को लेकर चिंतित हैं क्योंकि शोध कहते हैं कि गंदे कंबल त्वचा से लेकर सांस संबंधी कई गंभीर बीमारियों का कारण बन सकते हैं.

क्या होती है यात्रियों की शिकायत

यात्रियों को मिलने वाले कंबलों की गुणवत्ता और स्वच्छता पर अक्सर सवाल उठते रहते हैं क्योंकि कई बार यात्रियों को इनमें बदबू आती है. ये कंबल हर दिन अलग-अलग यात्रियों को दिए जाते हैं. इसलिए इन कंबलों पर कई तरह की गंदगी और कीटाणु भी जमा हो जाते हैं. हालांकि रेलवे का कहना है कि अगर आपको ट्रेन में दिए जाने वाले कंबलों की स्वच्छता पर कोई संदेह है तो आप ट्रेन अटेंडेंट या रेलवे हेल्पलाइन पर इसकी जानकारी दे सकते हैं.

 कंबलों की सफाई के क्या है रिलवे में नियम

रेलवे में कंबलों की सफाई के नियम के अनुसार, इन्हें हर 15 से 30 दिन में एक बार धोया जाना चाहिए. बिस्तर के अन्य सामान, जैसे चादर और तकिए के कवर हर यात्रा के बाद धोए जाते हैं. लेकिन कंबल के साथ ऐसा नहीं होता

कितने दिनों के बाद रेलवे को इसका प्रयोग बंद कर देना चाहिए?

रेलवे के मानकों के अनुसार कंबलों का इस्तेमाल 2 से 3 साल तक किया जा सकता है.अगर कंबल खराब हो जाए, बहुत गंदा हो जाए या इस्तेमाल करने लायक न हो तो उसे तय समय से पहले भी हटाया जा सकता है. इसके अलावा समय-समय पर कंबलों की स्थिति की जांच की जाती है. जिन कंबलों में छेद हो, फटे हुए हिस्से हों या बहुत गंदगी हो, उन्हें हटा दिया जाता है.

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