भीलवाड़ा की महिलाएं अब बदलाव की मिसाल बन चुकी हैं। अमृता हाट बाजार ने उन्हें ऐसा मंच दिया है, जहां रद्दी से भी भविष्य गढ़ा जा रहा है। ये सिर्फ बाजार नहीं, बल्कि आत्मनिर्भरता का आंदोलन है... सवाल यही है कि क्या ये गूंज पूरे देश में सुनाई देगी?.