Caste Census In Rajasthan: राजस्थान में ओबीसी (विशेषकर जाट, माली, गुर्जर, मीणा, बिश्नोई,) लंबे समय से सत्ता संतुलन में निर्णायक भूमिका निभाते हैं. जातिगत जनगणना से इन वर्गों की वास्तविक जनसंख्या सामने आने पर ये समूह आरक्षण, राजनीतिक प्रतिनिधित्व और सरकारी योजनाओं में हिस्सेदारी के लिए और मुखर होंगे. जाट समुदाय, जो लंबे समय से खुद को हाशिए पर मानता है. संख्या बल के आधार पर आरक्षण या राजनीतिक भागीदारी में अधिक हिस्सेदारी मांग सकता है. जातिगत जनगणना के आधार पर गुर्जर आरक्षण आंदोलन को नई दिशा मिल सकती है.