शिक्षा नीति हमेशा के लिए नहीं रहती, यह समाज की जरूरतों के हिसाब से बदलनी चाहिए. जब भी देश में शिक्षा सुधार की बात होती है, खर्च बढ़ाने की जरूरत बताई जाती है। लेकिन पिछले कई दशकों में कोई सुधार नहीं हुआ. भारत (India) में शिक्षा पर खर्च बहुत कम है. भारतीय उद्योग परिसंघ (CII) का कहना है कि इसे जीडीपी का 6% तक बढ़ाना जरूरी है. पिछले 6 सालों में खर्च 2.7% से 2.9% तक ही रहा है। शिक्षा मानव के विकास का सबसे बड़ा साधन है, लेकिन प्राथमिकताओं का सही आकलन नहीं हो रहा है। बजट बढ़ाने से ही सुधार संभव है.