डूंगरपुर जिले (Dungarpur District) में उच्च शिक्षा को लेकर सरकार कई तरह के दावे कर रही है. लेकिन हकीकत में लेक्चरर के 80 फीसदी पद खाली होने से स्टूडेंट की पढ़ाई चौपट हो रही है. जिले के सबसे बड़े एसबीपी कॉलेज में 8 हजार स्टूडेंट (Student) को पढ़ाने के लिए सिर्फ 16 लेक्चरर ही है. इसमें भी 2 लेक्चरर डेप्युटेशन पर दूसरी जगह लगे है. 85 लेक्चरर की पोस्ट वेंकेट है. जबकि नई शिक्षा नीति के तहत कॉलेज में लेक्चरर के 300 नए लेक्चरर चाहिए. आदिवासी बहुल क्षेत्रों में सरकार शिक्षा को लेकर कई दावे करती है. तमाम सुविधाएं देने के लिए वादे लिए जाते हैं. लेकिन सच है कि कॉलेजों में स्टूडेंट को पढ़ाने के लिए लेक्चरर ही नहीं है. जिले का सबसे बड़ा एसबीपी कॉलेज की बात करें तो यहां 8 हजार स्टूडेंट हर साल रेगुलर एडमिशन लेते हैं. लेकिन कॉलेज में पढ़ाने के लिए प्रिंसिपल समेत सिर्फ 16 लेक्चरर ही पोस्टेड हैं. जबकि कॉलेज में लेक्चर के 81 पोस्ट सेंक्शन है. हालात ये है कि कई सब्जेक्ट में पढ़ाने के लिए कोई लेक्चरर ही नहीं है. ऐसे में स्टूडेंट की पढ़ाई पूरी तरह से चौपट है.