झालावाड़ (Jhalawar) का एक समय में प्रसिद्ध संतरा उद्योग अब गंभीर संकट से गुजर रहा है. पहले बड़े पैमाने पर संतरे की खेती करने वाले किसान अब अपने बागीचों को काट रहे हैं. इसकी वजह "काली मस्सी" बीमारी, अनियमित बारिश और थर्मल पावर प्लांट की राख है. हालांकि, झालावाड़ की मिट्टी उर्वरक है और यहां के संतरे स्वाद में बेहतरीन होते थे, लेकिन अब कई किसान सालों से मुनाफा नहीं कमा पा रहे हैं. अगर सरकार और कृषि विभाग की तरफ से मदद नहीं मिली तो यहां के संतरे की पहचान खत्म हो सकती है.