15 दिनों से शहीद स्मारक पर धरने पर बैठे नरेश मीना ने आखिरकार अपना अनशन समाप्त कर दिया। उन्होंने बताया कि उन्हें पीड़ित परिवारों के लिए 80 से 90 लाख रुपये की आर्थिक सहायता का आश्वासन मिला है। हालांकि, नरेश मीना ने सरकार की असंवेदनशीलता पर सवाल उठाए और कहा कि अब वे गांधीवादी मार्ग छोड़कर भगत सिंह की तर्ज पर सड़कों पर लड़ाई लड़ेंगे। उन्होंने 'भगत सिंह सेना' नामक तीन नए संगठनों के गठन की भी घोषणा की, जो शिक्षाविदों और समाजसेवियों के साथ मिलकर दलितों और आदिवासियों के मुद्दों को उठाएंगे।