1527 में खानवा (Khanwa) में लड़ा गया राणा सांगा (Rana Sanga) और बाबर के बीच युद्ध भारतीय इतिहास के महत्वपूर्ण युद्धों में से एक है. यह युद्ध राज्य स्थापना और धार्मिक समझौतों के उल्लंघन के कारण हुआ था. बाबर ने इस युद्ध में तोपों का इस्तेमाल किया, जिसके बारूद से पहाड़ों पर खून के धब्बे आज भी देखे जा सकते हैं. राणा सांगा, जिन्हें इस युद्ध में अस्सी घाव आए, ने बाबर के खिलाफ असाधारण बहादुरी दिखाई. आंख में तीर लगने के बावजूद, उनका हौसला नहीं टूटा और वे युद्ध जारी रखते रहे, जिससे बाबर भी चौंक गए. हालांकि राणा सांगा को इस युद्ध में हार का सामना करना पड़ा, लेकिन उनकी वीरता और शौर्य को याद करते हुए 2008 में युद्ध स्थल पर उनका स्मारक स्थापित किया गया. साथ ही, चंदेरी के राजा मेदिनी राय और हसन खां मेवाती की भी प्रतिमाएं स्थापित की गईं. हाल ही में इस स्मारक के विकास के लिए सीएम भजनलाल (CM Bhajanlal) ने 3 करोड़ रुपये का बजट पास किया गया है.