Rajasthan assembly elections 2023: जयपुर शहर की विद्याधर नगर विधानसभा सीट हमेशा ख़ास रही है. यहां राजस्थान के पूर्व मुख्यमंत्री भैरोसिंह सिंह शेखावत का दबदबा माना जाता था. अगले कुछ महीनों में राजस्थान में विधानसभा चुनाव होने हैं, ऐसे में सभी को अपने-अपने विधानसभा क्षेत्र के मौजूदा राजनीतिक हालात और समीकरणों को जानने की जिज्ञासा रहती है. चुनावी माहौल में नेताओं की भी सक्रियता अपने-अपने क्षेत्र में बढ़ जाती है. आइए जानते हैं विद्याधर नगर विधानसभा क्षेत्र का राजनीतिक इतिहास, वर्तमान हालात और अन्य जरूरी बातें.
जयपुर जिले की 8 विधानसभा सीटों में शामिल विद्याधर नगर सामान्य सीट है. लोकसभा के लिए यह सीट जयपुर लोकसभा क्षेत्र में आती है .साल 1976 में पहली बार हुए परिसीमन में विद्याधर नगर विधानसभा सीट अस्तित्व में आई. साल 2008 से पहले यह इलाका बनीपार्क विधानसभा सीट के नाम से जाना जाता था.
2003 में मात्र तीन प्रतिशत से हुआ जीत-हार का निर्णय
1998 के विधानसभा चुनाव में कांग्रेस के उदय सिंह राठौड़ ने लंबे समय बाद कांग्रेस को यह सीट जीत कर दी, इसके बाद वर्ष 2003 में भाजपा ने वीरू सिंह राठौड़ को मैदान में उतारा और फिर से इस सीट पर अपना कब्जा जमाया, इस चुनाव में हार जीत का अंतर भाजपा और कांग्रेस में केवल 3% का था.
वर्तमान में कांग्रेस सरकार के मंत्री प्रताप सिंह खाचरियावास ने भी अपना पहला विधानसभा चुनाव निर्दलीय के रूप में बनीपार्क विधानसभा सीट से वर्ष 1993 मे लड़ा था, इस चुनाव में प्रताप सिंह को 9634 वोट मिले यहां वे तीसरे नंबर पर रहे. वर्तमान में खाचरियावास सिविल लाइंस विधानसभा सीट से विधायक हैं.
विद्याधर नगर सीट के जातिगत समीकरण
विद्याधर नगर विधानसभा में कुल रजिस्टर्ड मतदाताओं की संख्या 328,810 है. इस सीट पर लगभग 31,171 मतदाता अनुसूचित जाति के हैं. जो लगभग 9.48 फ़ीसदी है. वहीं अनुसूचित जनजाति के लगभग 6478 मतदाता है जो 1.97% है. इस सीट पर मुस्लिम मतदाताओं की संख्या भी निर्णायक है, यहां मुस्लिम मतदाताओं की संख्या 22,030 है जो की 6.7% है. विद्याधर नगर विधानसभा में वर्तमान में 42 वार्ड है जहां 286 बूथ हैं.
जब भैरु सिंह शेखावत प्रचार के लिए उतरे थे
2008 में हुए विधानसभा चुनाव में कांग्रेस ने विक्रम सिंह शेखावत को पहली बार यहां से टिकट देकर चुनाव लड़वाया उनका मुकाबला भाजपा के कद्दावर नेता स्वर्गीय भैरु सिंह शेखावत के दामाद नरपत सिंह राजवी से हुआ. कहा जाता है कि इस चुनाव में भैरु सिंह शेखावत खुद चुनाव प्रचार में उतरे थे और जिसकी बदौलत नरपत सिंह राजवीर को 64263 वोट मिले तो वहीं कांग्रेस के विक्रम सिंह शेखावत को 55223 वोट आए करीब 9000 वोटों से विक्रम सिंह शेखावत को हार का मुंह देखना पड़ा था.
लगातार दो चुनाव हारने के बाद कांग्रेस ने इस सीट पर वैश्य समाज पर विश्वास जताते हुए सीताराम अग्रवाल को चुनावी मैदान में उतारा तो ऐसे में कांग्रेस की सीट पर दो चुनाव लड़ चुके विक्रम सिंह शेखावत बगावत पर उतर आए और पार्टी से अलग होकर निर्दलीय ताल ठोक दी, अब यहां भाजपा कांग्रेस के अलावा निर्दलीय भी मैदान में थे. वर्ष 2018 के विधानसभा चुनाव में इस सीट पर त्रिकोणीय संघर्ष रहा.
भाजपा लगा पाएगी जीत का चौका या लोग किसी दूसरे को देंगे मौका
इस साल के अंत में होने वाले विधानसभा चुनाव अब नजदीक है विद्याधर नगर विधानसभा में कांग्रेस से बगावत कर चुनाव लड़ने वाले विक्रम सिंह शेखावत फिर से पार्टी से जुड़ चुके हैं तो वहीं विद्याधर नगर विधानसभा से कांग्रेस के प्रत्याशी रहे सीताराम अग्रवाल फिर से इसी सीट से दावेदारी जता रहे हैं.इस सीट पर लगातार भाजपा तीन बार जीतती आई है इस बार के विधानसभा चुनाव में देखना होगा कांग्रेस किस पर दांव खेलती है.
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