ADR Report: जनप्रतिनिधित्व अधिनियम 1951 की धारा 78 के अनुसार, चुनाव लड़ने वाले प्रत्येक उम्मीदवार को चुनाव के परिणाम की घोषणा की तारीख से 30 दिनों के भीतर अपने चुनाव खर्चों की एक प्रतिलिपि सभी राज्यों और केन्द्र शासित प्रदेशों में जिला निर्वाचन अधिकारी को प्रस्तुत करनी होती है.
चुनाव में 40 लाख थी खर्च की सीमा
राजस्थान विधानसभा चुनाव के दौरान विधायकों के लिए चुनाव खर्च की सीमा 40 लाख रुपए थी. इन चुनाव खर्च दस्तावेजों में सार्वजनिक बैठकों और जुलूसों, इलेक्ट्रॉनिक और प्रिंट मीडिया के माध्यम से प्रचार करना, कार्यकर्ताओं के अभियान पर खर्च, वाहनों का खर्च और अभियान सामग्री पर होने वाले खर्च का विवरण भी शामिल हैं.
हर विधायक ने खर्च किए 22.53 लाख रुपए
रिपोर्ट के मुताबिक विश्लेषण किए गए 199 में से 71 (36 प्रतिशत) विधायकों ने अपने निर्वाचन क्षेत्र में चुनाव खर्च सीमा से 50 प्रतिशत से कम खर्च घोषित किए है. वहीं, राजस्थान विधानसभा के 199 विधायकों के चुनाव खर्च घोषणाओं के आधार पर औसतन चुनाव खर्च की राशि 22.53 लाख रुपए है, जो खर्च सीमा का 56 प्रतिशत है.
भाजपा विधायकों ने खर्च किए सबसे ज्यादा
पार्टीवार औसतन चुनाव खर्च से पता चलता है कि BJP के 115 विधायकों का औसत खर्च 23.13 लाख रुपए (चुनाव खर्च सीमा का 57.8 प्रतिशत) है. जबकि INC के 69 विधायकों का औसत चुनाव खर्च 22.74 लाख रुपए (चुनाव खर्च सीमा का 56.9 प्रतिशत) है.
RLD के 1 विधायक का औसत चुनाव खर्च 24.62 लाख रुपए (चुनाव खर्च सीमा का 61.6 प्रतिशत) है, Rashtriya Loktantrik Party के 1 विधायक का औसत चुनाव खर्च 17.30 लाख रुपए (चुनाव खर्च सीमा का 43.3 प्रतिशत) है और निर्दलीय के 8 विधायकों का चुनाव खर्च 19.49 लाख रुपए (चुनाव खर्च सीमा का 48.7 प्रतिशत) रहा.
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