Jhunjhunu By election: झुंझुनूं में राजेंद्र भांबू (बीजेपी), अमित ओला (कांग्रेस) और राजेंद्र गुढ़ा (निर्दलीय) के बीच त्रिकोणीय मुकाबला है. बीजेपी उम्मीदवार भांबू ने जागिड़ भवन में वोट डाला. मतदान केंद्र पर बीजेपी (BJP) प्रत्याशी ने पौधा भी लगाया. इस दौरान उन्होंने जीत का दावा करते हुए कहा कि भारतीय जनता पार्टी के कार्यकर्ताओं में बड़ा जोश है. बीजेपी के पक्ष में भारी मतदान होगा, यहां वंशवादी परंपरा को तोड़ने का काम शुरू हो गया है. भांबू ने कहा कि आज झुंझुनूं (Jhunjhunu) विधानसभा को राजनैतिक स्वतंत्रता मिलेगी. झुंझुनूं की जनता के साथ बीजेपी 23 नवंबर को एक और दिवाली मनाएंगी.
सीट जीतने के लिए बीजेपी ने लगाया पूरा जोर
लेकिन इस उपचुनाव में सबसे बड़ी बात ये देखी गई कि कांग्रेस की ओर से किसी भी बड़े नेता ने झुंझुनू सीट पर कोई प्रचार नहीं किया. अशोक गहलोत और सचिन पायलट जैसे नेता महाराष्ट्र चुनाव में व्यस्त हैं, लेकिन इसके बावजूद सचिन पायलट ने दौसा और उनियारा सीट पर प्रचार किया. अमित ओला को सचिन पायलट का नज़दीकी माना जाता है, लेकिन इसके बावजूद सचिन पायलट झुंझुनू में प्रचार में नहीं दिखे. कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष गोविंद सिंह डोटासरा भी झुंझुनू नहीं आए, जबकि राजस्थान के उपचुनाव में दूसरी सीटों पर उन्होंने जमकर प्रचार किया है.
ओला परिवार का गढ़ रही है यह सीट
यह झुंझुनू की सीट है जहां से ओला परिवार की प्रतिष्ठा दांव पर लगी है. यहां से शीशराम ओला तीन बार और उनके बेटे बृजेंद्र ओला लगातार चार बार विधायक चुने गए. इस वर्ष बृजेंद्र ओला के लोकसभा सांसद बनने के बाद यह सीट खाली हुई. अब इस बार उनके बेटे अमित ओला झुंझुनू से भाग्य आजमा रहे हैं.
इस उपचुनाव में सबसे बड़ी बात ये देखी गई कि कांग्रेस की ओर से किसी भी बड़े नेता ने झुंझुनू सीट पर कोई प्रचार नहीं किया. अशोक गहलोत और सचिन पायलट जैसे नेता महाराष्ट्र चुनाव में व्यस्त हैं, लेकिन इसके बावजूद सचिन पायलट ने दौसा और उनियारा सीट पर प्रचार किया. कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष गोविंद सिंह डोटासरा भी झुंझुनू नहीं आए, जबकि राजस्थान के उपचुनाव में दूसरी सीटों पर उन्होंने जमकर प्रचार किया है.
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