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This Article is From Aug 05, 2023

बांसवाड़ा : कॉन्स्टेबल के बेटे ने नौकरी दिलाने का लालच देकर युवकों से ठगे लाखों रुपए

मोटागांव के रहने वाले पीड़ित दिलीप सिंह की ओर से दर्ज रिपोर्ट के मुताबिक साल 2018 में राजसमंद के गोगावला के रहने वाले सूरज सिंह और नरेंद्र सिंह उनके घर पर आए थे. आरोपियों ने कहा कि वह बेरोजगारों को नौकरी दिलवाते हैं.

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बांसवाड़ा : कॉन्स्टेबल के बेटे ने नौकरी दिलाने का लालच देकर युवकों से ठगे लाखों रुपए
मोटागांव थाने में मामला दर्ज किया गया है

बांसवाड़ा जिले के मोटागांव के कुछ युवाओं को एक कॉन्स्टेबल के बेटे ने नौकरी का लालच देकर लाखों रुपए ठग लिए. युवाओं द्वारा लाखों रुपए देने के बावजूद भी नौकरी नहीं लगी तो उनको ठगी की आशंका हुई और इसको लेकर उन्होंने बांसवाड़ा पुलिस अधीक्षक अभिजीत सिंह को मामले की जानकारी दी. जिसके आधार पर मोटागांव थाने में मामला दर्ज किया गया. ठगी करने वाले आरोपी का पिता राजसमंद जिले में कॉन्स्टेबल के पद पर कार्यरत है. उसके ठग बेटे ने साथी के साथ मिलकर चार युवकों की सरकारी नौकरी लगवाने के नाम पर 23.95 लाख की ठगी की है. 

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मोटागांव के रहने वाले पीड़ित दिलीप सिंह की ओर से दर्ज रिपोर्ट के मुताबिक साल 2018 में राजसमंद के गोगावला के रहने वाले सूरज सिंह और नरेंद्र सिंह उनके घर पर आए थे. आरोपियों ने कहा कि वह बेरोजगारों को नौकरी दिलवाते हैं. सरकार की ओर से स्कूलों में अध्यापक लगाने के लिए उनसे कहा गया है. आरोपियों ने बताया कि 20 हज़ार 500 रुपए मासिक वेतन के तौर पर मिलेंगे और तीन साल बाद नौकरी स्थायी हो जाएगी. आरोपियों पर विश्वास कर उन्होंने अपने चार भांजे गुंजन, राजप्रिया, महेन्द्र सिंह, युवराज सिंह के दस्तावेज दे दिए. इसके अलावा आरोपियों ने कहा कि वह कुछ रकम उन्हें दे दें और विश्वास करें. उसके पिता हुकुम सिंह पुलिस विभाग में तैनात हैं.

इस दौरान साल 2021 में करीब 10 बार में आरोपियों ने 23.95 लाख रुपए ले लिए. आरोपियों ने फर्जी तरीके से दस्तावेजों की कॉपी भी भेजी, जिसकी जांच की तो वह फर्जी निकले. इस मामले में एसपी अभिजीत सिंह के आदेश पर मोटागांव पुलिस ने आरोपियों के खिलाफ धोखाधड़ी की रिपोर्ट दर्ज कर जांच शुरू कर दी है.

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दिलीप ने बताया कि साल 2020 में वह अपनी मां दशरथ कुंवर को उदयपुर के एक अस्पताल लेकर गए थे. वहां से लौटते समय आरोपी सूरज सिंह से बस में मुलाकात हुई थी. इसके बाद दोनों के बीच व्यवहार बड़ा और दोस्त बन गए. दोनों एक दूसरे के घर भी आने जाने लगे. इसी बात का फायदा उठाकर आरोपी ने षड्यंत्र रचकर इस घटना को अंजाम दिया.

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