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This Article is From Dec 28, 2024

Rajasthan: झालावाड़ के इस किसान की है प्रेरणादायक कहानी, कम खर्च पर जमीन से उगा रहा मोटा मुनाफा

Jhalawar News: झालावाड़ के किसान कालू सिंह ने करीब 14000 वर्ग मीटर क्षेत्र में हाईटेक खेती और विभिन्न प्रकार के पॉलीहाउस और नेट हाउस बनाकर लाखों रुपए की कमाई शुरू कर दी है.

Rajasthan: झालावाड़ के इस किसान की है प्रेरणादायक कहानी, कम खर्च पर जमीन से उगा रहा मोटा मुनाफा
किसान कालू सिंह

 Success Story: झालावाड़ जिले के जूना खेड़ा गांव निवासी किसान कालू सिंह की सफलता की कहानी हर किसी को आकर्षित कर रही है. कभी बीए की पढ़ाई कर अच्छी कंपनी में नौकरी करने का सपना देखने वाले कालू सिंह आज खेती-किसानी करके मोटा मुनाफा कमा रहे हैं. ग्रेजुएट की पढ़ाई पूरी करने के बाद उन्होंने जयपुर में 7 साल तक एक बड़ी इलेक्ट्रॉनिक्स कंपनी में काम किया और फिर कुछ दिनों तक टेलीकॉम सेक्टर में भी काम किया.

पॉलीहाउस के बारे में ली पूरी जानकारी

नौकरी करने के दौरान कालू सिंह ने एक खेत में बने पॉलीहाउस को देखा और उसके मन में उन्नत तरीके से खेती करने का विचार आया. जिसके बाद उन्होंने यूट्यूब पर उन्नत खेती की तकनीक के वीडियो देखने शुरू किए और प्रभावित होकर नौकरी छोड़ दी. बाद में कालू सिंह ने बागवानी कॉलेज पहुंचकर पॉलीहाउस के बारे में पूरी जानकारी हासिल की और अपनी छोटी सी जमीन में पॉलीहाउस बनाया. उन्होंने करीब 14000 वर्ग मीटर क्षेत्र में विभिन्न प्रकार के पॉलीहाउस, नेट हाउस आदि का निर्माण किया और लाखों रुपये की कमाई करने लगे.

7000 स्क्वायर मीटर में कर रहे हैं खेती

किसान कालू सिंह ने बताया कि वर्तमान में वह  7000 स्क्वायर मीटर क्षेत्र में खरबूजा, तरबूज, खीरा ककड़ी की खेती कर रहे है. फिलहाल खेती और बढ़ाने के लिए पोली हाउस का काम चल रहा है. उनके यहां पैदा होने वाले खीरे, ककड़ी जयपुर की एक कंपनी को भेजे जा रहे हैं. इशके अलावा उनके खेत के खीरे, ककड़ी, खरबूजे एवं अन्य सामग्री पंजाब तक भी पहुंचाई जा रही है. खेती की आधुनिक तकनीक लोटनल विधि से वह है खरबूजे और तरबूज का अच्छा उत्पादन कर रहे हैं.
किसान कालू सिंह के खेत

किसान कालू सिंह के खेत
Photo Credit: NDTV

सोलर प्लांट बनाते है वर्मी कंपोस्ट

कालू सिंह बताते हैं कि वह कम से कम रासायनिक खादों का प्रयोग करते हैं तथा प्राकृतिक खाद जैसे वर्मीकम्पोस्ट, वर्मीकल्चर आदि स्वयं तैयार करते हैं. उनकी जमीन छोटे-छोटे टुकड़ों में बंटी हुई थी, इसलिए उन्होंने उन्नत तकनीक अपनाई. पूरी जमीन पर समय पर खाद पहुंचाने के लिए ऑटोमेटिक यूनिट लगाई है, जिससे वह समय पर जमीन में खाद व उर्वरक डाल पा रहे हैं. इससे उन्हें हर महीने करीब 10 हजार रुपए मजदूरी की बचत होती है. इसके अलावा खेती में इस्तेमाल होने वाली सारी बिजली की आपूर्ति हो जाती है. उपकरण चलाने के लिए उन्होंने सोलर प्लांट लगाया है, जिसके तहत वह वर्मीकम्पोस्ट खाद बनाते हैं. जिससे वह खुद ही केंचुआ, छाछ और नीम को मिलाकर खाद तैयार करते हैं. खेती में लगातार नवाचार और हाईटेक तरीकों के इस्तेमाल से उनकी सालाना आय लाखों में है. अब तक वह स्ट्रॉबेरी व ब्रोकली का उत्पादन भी कर चुके हैं

इन सब्जियों की कर रहे है पैदावार

किसान का कहना है कि तेज हवा, बारिश, ओलावृष्टि आदि से उसकी अन्य फसलें खराब हो जाती हैं, लेकिन लो टनल और पॉलीहाउस की खेती में उसे कोई नुकसान नहीं हुआ. उसने 8 बीघे में मुस्कान तरबूज, खुशबू, कुंदन की खेती की है, जबकि एक बीघे में बाहुबली (गहरे हरे रंग का) तरबूज की खेती की है. लोटनल में बुवाई नवंबर के आखिरी महीने में की गई थी.

इस तरह से होती है कमाई
      
किसान कालू सिंह ने बताया कि कम समय में अधिक कमाई के लिए हाईटेक खेती करना जरूरी है. कभी बारिश, कभी ओलावृष्टि तो कभी कड़ाके की ठंड के कारण किसानों की फसलें हर दिन बर्बाद हो जाती हैं. महंगी होती जा रही खेती में तरीका बदलना जरूरी है. आज वह हाईटेक खेती से लाखों रुपये कमा रहे हैं. पिछले साल उन्होंने 28 लाख के खीरे बेचे थे. इससे उन्हें करीब 14 लाख की कमाई हुई थी. उन्होंने चार लाख के खरबूजे भी बेचे थे. इससे उन्हें दो लाख की कमाई हुई थी. कालू सिंह अब तक 7000 वर्ग मीटर में खेती कर रहे थे, लेकिन इस साल की शुरुआत में वह 14000 वर्ग मीटर में खेती शुरू करेंगे, जिसके बाद उनकी आमदनी भी दोगुनी हो जाएगी.

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