इन दिनों आपने महसूस किया होगा कि आए दिन सब्जियों कि कीमत आसमान छूती जा रही है. टमाटर, प्याज के बढ़ते दाम खाने की थाली का बजट बिगाड़ रहे हैं. दरअसल विभिन्न वित्तीय संस्थाओं और उपकरणों के क्रेडिट जोखिम और स्थिरता का मूल्यांकन करने वाली संस्था क्रिसिल ने कहा कि शाकाहारी थाली की कीमत में 11 फीसदी की बढ़ोतरी में से 7 फीसदी की बढ़ोतरी केवल टमाटर की कीमतों में हुई है.
टमाटर के दाम का बढ़ना
टमाटर जून में 42 रुपये प्रति किलो से जुलाई में 55% बढ़कर 66 रुपये प्रति किलोग्राम हो गई है. इसका मुख्य कारण कर्नाटक और आंध्र प्रदेश जैसे राज्यों में उच्च तापमान का प्रभाव था. साथ ही सफेद मक्खी के संक्रमण से भी यह समस्या उत्पन्न हुई.
प्याज और आलू की कीमतों का बढ़ना
क्रिसिल ने कहा कि प्याज और आलू की कीमतें महीने-दर-महीने क्रमश: 20 प्रतिशत और 16 प्रतिशत बढ़ीं, जिससे शाकाहारी थाली की लागत में और वृद्धि हुई. इसमें कहा गया है कि जहां रबी उत्पादन कम होने से प्याज की कीमतें प्रभावित हुईं, वहीं पंजाब, गुजरात और उत्तर प्रदेश में पिछेती झुलसा रोग के संक्रमण ने आलू उत्पादन को प्रभावित किया.
“प्याज और आलू की कीमतों में साल-दर-साल 65 प्रतिशत और 55 प्रतिशत की वृद्धि ने कम आवक के बीच थाली की लागत में और गिरावट को रोक दिया.
घर पर थाली तैयार करने की औसत लागत की गणना उत्तर, दक्षिण, पूर्व और पश्चिम भारत में प्रचलित इनपुट कीमतों के आधार पर की जाती है. मासिक बदलाव से आम आदमी के खर्च पर असर दिखता है. रेटिंग एजेंसी के अनुसार, आंकड़ों से यह भी पता चलता है कि थाली की कीमत में बदलाव लाने वाली सामग्री (अनाज, दालें, ब्रॉयलर, सब्जियां, मसाले, खाद्य तेल, खाना पकाने की गैस) क्या हैं.
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