
जिले के डूंगला उपखण्ड के कस्तूरबा गांधी आवासीय विद्यालय में बासी खाना खिलाने से डेढ़ दर्जन से अधिक बालिकाओं की तबीयत बिगड़ गई. फूडपॉइजनिंग के बाद बालिकाओं को तत्काल डूंगला चिकित्सालय ले जाया गया जहां से गंभीर हालत में 15 बालिकाओं को चित्तौड़गढ़ जिला चिकित्सालय रेफर किया गया. बालिकाओं के अनुसार उन्होंने कुक के सामने सुबह का भोजन देने का विरोध भी किया था लेकिन उनकी एक नहीं सुनी गई. ऐसे में उन्हें दाल पुड़ी और चावल खाने को दिए गए.
बुधवार रात को आवासीय स्कूल में 68 बालिकाएं थीं, जिनमें से 20 बालिकाओं ने बासी भोजन खाया था. उसके बाद फ़ूड पॉइजनिंग हो गई थी. फ़ूड पॉइजनिंग से अधिकांश बालिकाओं को उल्टी, पेट दर्द के साथ सीने में जकड़न की शिकायत बताई गई. बुधवार सुबह पुड़ी, दाल और चावल बनाएं थे. शाम को कुक द्वारा फिर से सुबह वाली दाल पुड़ी और चावल खाने को दिए गए थे. टीचर किशोर कटारा के अनुसार रात करीब 9 बजे बालिकाओं की तबीयत बिगड़ने लगी उन्हे डूंगला सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र ले जाया गया.
कुछ बालिकाओं को प्राथमिक उपचार के बाद छुट्टी दे दी गई जबकि देर रात्रि 15 बालिकाओं को चित्तौड़गढ़ रेफर किया गया. भर्ती बालिकाओं में सुमित्रा, अंगूरी, लीला, तारा, किरण, नीलू, कृष्णा, सावित्री, दीपिका, सृशा, सीता, तारा, पायल, लक्ष्मी और सोनू शामिल है. इनमें से दो बालिकाओं की हालत अभी भी स्थिर है. जिन्हें सीने में जकड़न की शिकायत बताई गई. इधर इस मामले में सूचना पर प्रिंसिपल विक्रम मीणा और स्टॉफ मौके पर पहुंचा. प्रिंसिपल मीणा ने रात में ही उच्च अधिकारियों को पूरे मामले की जानकारी दी.