Rajasthan News: राजस्थान के बाड़मेर जिले से एक बहुत ही अजीब मामला सामने आया है. रक्षक ही भक्षक बना गया. जिले के शिव थाना क्षेत्र में में 2 दिन पहले एक रहवासी मकान में लूट हुई थी. वहीं पुलिस ने अब उस वारदात का पर्दाफाश करते हुए पांच आरोपियों को गिरफ्तार किया है. लेकिन इस पूरी घटना में सबसे चौकने वाली बात यह है कि पांच लुटेरों में पुलिस का कांस्टेबल भी लुटेरा निकला जिसे पुलिस ने गिरफ्तार कर निलंबित कर दिया है.
पूरी वारदात शुक्रवार रात की बताई जा रही हैं. वारदात के समय मकान मालिक घर पर नहीं था और उसकी पत्नी घर पर अकेली थी. इस दौरान पुलिस कांस्टेबल ने अपने साथियों के साथ बंदूक की नोंक पर लुट की वारदात को अंजाम देते हुए करीब 5 लाख रुपए नकद और सोने के जेवरात लूटे थे.
गुजरात पुलिस हिरासत में मकान मालिक
बाड़मेर अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक जसाराम बोस ने जानकारी देते हुए बताया कि गुजरात निवासी भावना बेन अहीर ने पुलिस को दी रिपोर्ट में बताया कि उसके पति शिशिर भाई गुजरात में अपनी जमीन बेचकर राजस्थान आ गए और बाड़मेर के शिव इलाके में जमीन खरीदी थी.
उक्त जमीन अनुसूचित जाति के व्यक्ति से खरीदी थी. ऐसे में उस जमीन की रजिस्ट्री अपने पुराने परिचित के भाई बंशीलाल भील निवासी महाबार के नाम करवा दी. इसके बाद उस जमीन पर हमारा परिवार खेती बाड़ी करता हैं. इसमें मदद के लिए उसने बंशीलाल के पुत्र गजाराम को कृषक के रूप में काम पर रखा हुआ हैं.
वहीं थोड़े दिन पहले शिशिर को गुजरात पुलिस किसी मामले के तहत गुजरात लेकर ले कर गई हैं. ऐसे में घर पर वो, उसकी बेटियां और उसके खेत में काम करने वाला गजाराम पास के कमरे में सो रहा था. इसी दौरान शुक्रवार रात करीब 9 बजे 3 नकाबपोश आरोपियों ने उसके घर का दरवाजा खटखटाया उसने दरवाजा खोला तो आरोपियों ने बंदूक दिखाकर घर से 5 लाख रुपए और सोने के गहने लूट कर फरार हो गए.
पुलिस कर रही रकम वसूली का प्रयास
पुलिस ने मामले की गंभीरता को देखते जांच शुरू कर आसपास के संदिग्धों से पूछताछ कि तो वारदात के समय घर पर सो रहे गजाराम की भूमिका संदिग्ध नजर आई. इस पर गजाराम को हिरासत में लेकर सख्ती से पूछताछ कि तो वारदात का खुलासा हो गया. पुलिस ने लुट की वारदात में शामिल मास्टर माइंड बंशीलाल भील,उसके पुत्र गजाराम भील, पुलिस कांस्टेबल जगदीश, जेठाराम और मदनसिंह को गिरफ्तार कर लिया है. अब पुलिस लुट की रकम और गहनों की बरामदगी का प्रयास कर रही है.
भरोसेमंद व्यक्ति ने बनाया लुट का प्लान
पुलिस पूछताछ में सामने आया कि पीड़िता और उसका परिवार हाल ही में गुजरात से बाड़मेर में शिफ्ट हुआ था. पीड़िता की दो बेटियों की शादी होनी हैं. इसी को लेकर कुछ पैसे और गहने बनवाकर रखे हुए थे. पीड़िता को इन पैसों और गहनों को लेकर चिंता रहती थी, इसलिए लुट के मास्टरमाइंड बंशीलाल और उसके पुत्र गजाराम को भरोसेमंद मानते थे और ये बैग उनके घर ही रखते थे.
इसी के चलते आरोपियों की नियत बिगड़ गई कुछ दिन पहले कुछ पैसों की जरूरत थी. इसलिए बैग को पीड़िता अपने घर लेकर गई थी. इसी दौरान आरोपियों ने लूट की वारदात का प्लान बनाया और इस प्लान में पुलिस कांस्टेबल और दो पड़ोसियों को भी शामिल किया.
आरोपियों ने बनाया खुफिया प्लान
वारदात से पहले मास्टरमाइंड बंसीलाल ने घर से पूरी वारदात को फोन पर ऑपरेट किया और घटनास्थल पर मौजूद उसके पुत्र गजाराम ने परिवार के सोने और जागने की जानकारी आरोपियों को दी. वारदात से पहले आरोपी पुलिस कांस्टेबल जगदीश भील ने पीड़िता के पड़ोसी मदन सिंह को वारदात में शामिल किया और
उसी खेत में शराब पार्टी की जब मास्टरमाइंड के बेटे ने फोन कर बताया कि अब परिवार सो चुका हैं. तो तीनों उसके ने उसके घर आकर दरवाजा खटखटाया पीड़िता भावना ने जब दरवाजा खोला तो आरोपियों ने बंदूक की नोंक पर लूट की वारदात को अंजाम दिया.
कांस्टेबल निकला लुटेरा एसपी ने किया सस्पेंड
लूट की वारदात में बाड़मेर पुलिस लाइन में कार्यरत कांस्टेबल जगदीश का नाम सामने आने के बाद बाड़मेर एसपी नरेंद्र सिंह मीणा ने उसको निलंबित कर गिरफ्तार करने के आदेश दिए हैं. जगदीश 2011 बेंच का कांस्टेबल हैं. प्राप्त जानकारी के अनुसार, वारदात का मास्टरमाइंड बंशीलाल बाड़मेर के सदर थाने का हिस्ट्रीशीटर हैं. आरोपी के विरुद्ध लुट और नकबजनी के 9 प्रकरण दर्ज है.
वहीं वारदात में शामिल जेठाराम भील झिंझनीयाली पुलिस थाने का हिस्ट्रीशीटर है. आरोपी के विरुद्ध लुट और नकबजनी 16 मामले लंबित हैं और मदन सिंह के विरुद्ध भी नकबजनी का 1 प्रकरण दर्ज हैं. बाड़मेर पुलिस सभी आरोपियों को गिरफ्तार कर पूछताछ कर रही है.
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