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This Article is From Jan 18, 2025

अपराधी को पकड़ने के लिए कारपेंटर बनी पुलिस, 2 महीने की मेहनत के बाद 40 हजार का इनामी तस्कर गिरफ्तार

राजस्थान बाड़मेर-जोधपुर रेंज की साइक्लोन टीम ने बड़ी कार्रवाई को अंजाम देते हुए 4 जिलों की पुलिस का 40 हजार रुपए के इनामी वांटेड का गिरफ्तार कर लिया. इस वांटेड को पकड़ने के लिए आईजी ने ऑपरेशन तमश" चलाया था.

अपराधी को पकड़ने के लिए कारपेंटर बनी पुलिस, 2 महीने की मेहनत के बाद 40 हजार का इनामी तस्कर गिरफ्तार
पुलिस की गिरफ्त में आरोपी.

Rajasthan News: राजस्थान में अवैध मादक पदार्थों की तस्करी लगातार बढ़ती जा रही है. जिसको लेकर सरकार भी अब सख्त हो गई है और लगातार अपराधियों की धरपकड़ कर रही है. ऐसा ही एक मामला बाड़मेर जिले से सामने आया है. जहां साइक्लोन टीम ने बड़ी कार्रवाई को अंजाम देते हुए 4 जिलों की पुलिस का 40 हजार रुपए के इनामी वांटेड प्रकाश चाहर को गिरफ्तार कर लिया. इस कार्रवाई को टीम ने जोधपुर रेंज आईजी विकास कुमार के नेतृत्व में करीब दो महीने की कड़ी मशक्कत के बाद अंजाम दिया.

अपराधी को पकड़ने के लिए चलाया ऑपरेशन तमश

पुलिस से मिली जानकारी के अनुसार अपराधी गुजरात के नवसारी इलाके में पहचान बदलकर रह रहा था. आरोपी प्रकाश चाहर को पकड़ने के लिए आईजी ने "ऑपरेशन तमश" चलाया था. जिसमें कई टीमों का गठन किया गया और आरोपी को गिरफ्तार किया गया. रेंज आईजी विकास कुमार ने प्रेस कॉन्फ्रेंस कर इस ऑपरेशन का खुलासा किया है. साथ ही बताया कि आरोपी लंबे समय से जोधपुर, बाड़मेर,जालौर सहित कई जिलों में अफीम डोडा पोस्त की सप्लाई का नेटवर्क चला रहा था.

अपराधी को पकड़ने वाली साइक्लोन टीम और आईजी.

अपराधी को पकड़ने वाली साइक्लोन टीम और आईजी

2 बार साइक्लोन टीम को दे चुका था चकमा

आईजी विकास कुमार ने जानकारी देते हुए बताया कि बाड़मेर, जोधपुर, जालौर, सांचौर, पाली इलाकों में अवैध मादक पदार्थों की तस्करी के कई मामलों में मुख्य सप्लायर के रूप में आरोपी प्रकाश चाहर का नाम सामने आ रहा था. इस पर रेंज स्तरीय साइक्लोन टीम ने बारीकी से जांच की तो सामने आया कि प्रकाश चाहर शातिर तस्कर और समय-समय पर अपनी लोकेशन बदलता रहता हैं.

वहीं आरोपी ने निंबाहेड़ा चित्तौड़गढ़ इलाके में अपना ठिकाना बना रखा हैं. जहां से अवैध रूप से अफीम डोडा-पोस्त खरीद कर मारवाड़ इलाके के तस्करों देता हैं. 

कारपेंटर बन गए पुलिस के जवान

आईजी ने आगे बताया कि इसके बाद पुलिस की टीम ने लोकेशन वेरिफाई कर आरोपी की गिरफ्तारी के लिए दबिश दी तो आरोपी मकान के छत से कूदकर बाइक पर सवार होकर फरार हो गया. आरोपी करीब दो महीने बिना मोबाइल का उपयोग कर महाराष्ट्र के मुंबई में पहचान बदलकर लकड़ी का कारीगर कारपेंटर बनकर रहने लगा. जिस पर पुलिस की टीम के सदस्य भी कारपेंटर बन गए करीब 15 दिन बाद आरोपी के महाराष्ट्र में होने का इनपुट मिला था.

लेकिन आरोपी वहां से भागने में कामयाब रहा और आरोपी ने फिर ठिकाना बदला और गुजरात के नवसारी इलाके में फर्नीचर का बड़ा ठेकेदार बनकर रहने लगा. जिसके बाद पुलिस टीमों ने भी लकड़ी का कारीगर बन कर काम की तलाश में आरोपी के नजदीक पहुंची और आरोपी को पकड़ने में सफलता हासिल की.

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