IPS Jyeshtha Maitrei: भिवाड़ी पुलिस अधीक्षक ज्येष्ठा मैत्रेयी (IPS Jyeshtha) की जासूसी मामले में सूत्रों के अनुसार कई बड़े खुलासे सामने आए है. सिर्फ भिवाड़ी पुलिस अधीक्षक ही नहीं, बल्कि कई पुलिस अधिकारियों की जासूसी की गई थी. पुलिस अधीक्षक की जासूसी के लिए करीब 16 बार लोकेशन निकलने के पुख्ता सबूत सामने आए हैं. साइबर टीम (Cyber Cell) प्रभारी उप निरीक्षक श्रवण जोशी ने पुलिस अधीक्षक सहित कई थानाधिकारी के अलावा कई बड़े मामलों में जुटे प्रभारी निरीक्षक और उप निरीक्षकों की भी लोकेशन ली. जांच रिपोर्ट के दस्तावेजों में यह भी लिखा है कि इस तरह लगातार लोकेशन लेने के पीछे अपराधियों से सांठगांठ से भी इनकार नहीं किया जा सकता. रिपोर्ट के मुताबिक पिछले कुछ दिनों से लगातार ही पुलिसकर्मियों की लोकेशन ली जा रही थी. हालांकि इसके पीछे की वजह अभी तक साफ नहीं हो पाई है.
कमलेश ज्वेलर्स हत्याकांड की जांच कर रही टीम पर भी रखी निगरानी
रिपोर्ट के अनुसार 21 सितंबर की रात 10 बजे लोकेशन निकाली गई. 22 सितंबर को दोपहर 12.58 बजे नंबर ट्रेस किया ओर वापस दो मिनट बाद ही दुबारा एक बजे लोकेशन ली गई. इसके बाद 28 सितंबर रात 9 बजे भी लोकेशन ली गई. बहुचर्चित कमलेश ज्वेलर्स हत्याकांड खुलासे में जुटी टीम में लगे तिजारा थानाधिकारी हनुमान यादव, टपूकड़ा एसएचओ भगवान सहाय, डीएसटी इंचार्ज प्रकाशसिंह, सब इंस्पेक्टर दारासिंह मीणा और सब इंस्पेक्टर मुकेश कुमार की भी जासूसी की गई. इन अधिकारियों की अलग-अलग लोकेशन की जानकारी इकठ्ठा की गई. चौंकाने वाली बात यह है कि अलकायदा समर्थित आतंकियों को दिल्ली पुलिस ने जब पकड़ा, तो मामले की जांच कर रहे थानाधिकारी देवेंद्र शर्मा पर भी निगरानी रखी गई.
7 पुलिसकर्मी हो चुके हैं सस्पेंड, डीएसपी को सौंपी गई थी जांच
बता दें कि यह पूरा मामला 7 अक्टूबर को एसपी की जानकारी में आया, जिसके बाद साइबर टीम के उपनिरीक्षक समेत 7 पुलिसकर्मियों को निलंबित कर दिया गया था. भिवाड़ी साइबर सेल के इंचार्ज एसआई श्रवण जोशी, हेड कॉन्स्टेबल अवनेश कुमार, कॉन्स्टेबल राहुल, सतीश, दीपक, भीम और रोहतास को सस्पेंड करते हुए मामले की जांच डीएसपी को सौंपी गई थी.
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