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NEET एग्जाम में फर्जीवाड़े का बड़ा खुलासा, परीक्षा में डमी कैंडिडेट बैठाने के बदले में लेते थे मोटी रकम

Jaipur: जयपुर पश्चिम पुलिस ने रैकेट का पर्दाफाश करते हुए 5 लोगों को गिरफ्तार किया है. इस ऑपरेशन को अंजाम देने वाली टीम में कुल 18 पुलिसकर्मी शामिल थे.

NEET एग्जाम में फर्जीवाड़े का बड़ा खुलासा, परीक्षा में डमी कैंडिडेट बैठाने के बदले में लेते थे मोटी रकम
जयपुर पश्चिम पुलिस की गिरफ्त में 5 आरोपी

Jaipur police action in NEET exam fraud case: राजस्थान की राजधानी जयपुर में राष्ट्रीय परीक्षा एजेंसी (NTA) द्वारा आयोजित नीट-यूजी और पैरा मेडिकल परीक्षा 2025 में फर्जीवाड़े की साजिश को नाकाम कर दिया. इस गैंग ने पैसे लेकर अयोग्य अभ्यर्थियों की जगह सॉल्वर बैठाने की तैयारी कर रखी थी. जयपुर पश्चिम पुलिस ने इस पूरे रैकेट का पर्दाफाश करते हुए 5 लोगों को गिरफ्तार किया है. इनसे पूछताछ में कई चौंकाने वाले खुलासे हुए हैं. आरोपियों से 3 ब्लूटूथ डिवाइस, 2 ईयरबड, 4 मोबाइल फोन और 1 स्कॉर्पियो गाड़ी के साथ 50 हजार रुपए की नकदी भी बरामद हुई. इसके अलावा परीक्षा संबंधी फर्जी दस्तावेज और फर्जी आईडी भी मिली हैं.

पुलिस ने जगतपुरा में फ्लैट में दी दबिश

गिरफ्तार आरोपी की पहचान अजीत कुमार बराला (26), सोहन लाल चौधरी (26), नरेंद्र शर्मा (24), संजय चौधरी (19) और रोहित गोरा (20) के तौर पर हुई. डीसीपी अमित कुमार ने बताया कि एटीएस एसओजी के इनपुट पर विशेष टीम गठित कर सतत निगरानी रखी जा रही थी. इनपुट था कि कुछ संदिग्ध युवक परीक्षा में फर्जी आईडी और उपकरणों से सॉल्विंग कराने जा रहे हैं. टीम ने जगतपुरा के एक फ्लैट में दबिश दी और आरोपियों को गिरफ्तार किया.

दिल्ली समेत अन्य राज्यों से की जा रही थी गिरोह की निगरानी

इस गिरोह ने परीक्षा से फर्जी पहचान पत्र बनाया. उसके बाद ब्लूटूथ डिवाइस और ईयरबड के जरिए बाहर से पेपर हल कर सॉल्वर को उत्तर भेजे गए. इसके बदले में मोटी रकम तय की गई थी. इस गिरोह की निगरानी दिल्ली और अन्य राज्यों से भी की जा रही थी.

18 पुलिसकर्मियों की टीम ने ऑपरेशन को दिया अंजाम

प्रारंभिक पूछताछ में सामने आया है कि गिरोह अन्य राज्यों में भी नीट, PPNET समेत कई प्रतियोगी परीक्षाओं में भी फर्जीवाड़े की कोशिश कर चुका है. अब पुलिस गिरोह की तह तक जाने की कोशिश कर रही है. साथ ही अन्य साथियों और फर्जी अभ्यर्थियों की तलाश भी जारी है. इनके खिलाफ आईपीसी की विभिन्न धाराओं के साथ-साथ “परीक्षा (अनुचित साधनों की रोकथाम) अधिनियम- 2024” और “आईटी एक्ट” के तहत केस दर्ज किया गया है. इस ऑपरेशन को अंजाम देने वाली टीम में सुरेंद्र सिंह, विशंभर कुमार, सुनील कुमार, नित्यानंद मीणा सहित कुल 18 पुलिसकर्मी शामिल थे.

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