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मार्बल की चीजों में ड्रग्स छिपाकर अमेरिका भेजने वाला तस्कर गिरफ्तार, एंटी गैंगस्टर टास्क फोर्स की बड़ी सफलता

राजस्थान में एंटी गैंगस्टर टास्क फोर्स ने ड्रग तस्करी के एक बड़े नेटवर्क को झटका देते हुए तीन साल से फरार चल रहे अपराधी अजय सिंह शेखावत को गिरफ्तार कर लिया है. 

मार्बल की चीजों में ड्रग्स छिपाकर अमेरिका भेजने वाला तस्कर गिरफ्तार, एंटी गैंगस्टर टास्क फोर्स की बड़ी सफलता
पुलिस की गिरफ्त में आरोपी.

Rajasthan News: राजस्थान पुलिस की एंटी गैंगस्टर टास्क फोर्स ने ड्रग तस्करी के एक बड़े नेटवर्क को झटका देते हुए तीन साल से फरार चल रहे अपराधी अजय सिंह शेखावत को गिरफ्तार कर लिया. यह शख्स मार्बल की चीजों में नशीली दवाएं छिपाकर अमेरिका भेजता था. पुलिस की इस कार्रवाई से अंतरराष्ट्रीय ड्रग रैकेट पर चोट पहुंची है और अपराधियों में खौफ फैल गया है. अजय पर 20 हजार रुपये का इनाम था और वह दिल्ली पुलिस की आंखों में धूल झोंककर छिपा हुआ था.

जयपुर में दबोचा गया तस्कर

अजय सिंह शेखावत पुत्र अजीत सिंह निवासी लाडपुर तहसील खंडेला जिला सीकर तीन साल से ज्यादा समय से फरार था. वह एनडीपीएस एक्ट के एक मामले में वांछित था और जयपुर के विद्याधर नगर इलाके में छिपकर रह रहा था. राजस्थान पुलिस के अतिरिक्त महानिदेशक दिनेश एमएन के मार्गदर्शन में यह ऑपरेशन चला. डीआईजी योगेश यादव की निगरानी और अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक सिद्धांत शर्मा के नेतृत्व में टीम ने काम किया.

कांस्टेबल गोपाल धाबाई और विजय सिंह ने महत्वपूर्ण जानकारी जुटाई जिसके आधार पर इंस्पेक्टर राम सिंह नाथावत की टीम ने गुरुवार रात उसे पकड़ लिया. गिरफ्तारी के बाद अजय को विद्याधर नगर थाने सौंप दिया गया और दिल्ली पुलिस को सूचना देकर आगे की जांच के लिए तैयार किया गया. यह कार्रवाई गैंगस्टरों और ड्रग तस्करों पर नजर रखने के लिए शुरू की गई थी जो अब सफल साबित हुई.

 मार्बल में छिपाकर होती थी सप्लाई

पुलिस अधिकारियों ने बताया कि अजय और उसके साथी बेहद चतुराई से काम करते थे. वे सीकर जिले के पलसाना इलाके में मार्बल की मूर्तियां बनाते और उनमें नशीले पदार्थ छिपाते. फिर इन मूर्तियों को कुरियर से दिल्ली भेजा जाता जहां से वे अमेरिका और दूसरे देशों में पहुंचतीं. यह तरीका इतना अनोखा था कि जांच एजेंसियां लंबे समय तक भ्रमित रहीं. अजय का नेटवर्क अंतरराष्ट्रीय स्तर का था जो अब टूटने की कगार पर है. इस गिरफ्तारी से ड्रग तस्करी के नए तरीकों का पता चला जो अन्य राज्यों की पुलिस के लिए भी सबक है.

एनसीबी की कार्रवाई से जुड़ा कनेक्शन

यह मामला नारकोटिक्स कंट्रोल ब्यूरो दिल्ली जोनल यूनिट की 13 जुलाई 2022 की एक बड़ी रेड से जुड़ा है. एनसीबी ने उस समय एक कुरियर कंपनी में संदिग्ध पैकेज की जांच की. पैकेज में एक खोखला ग्रेनाइट मार्बल लैंप था जिसमें रंगीन धागों से लिपटी दवाओं की स्ट्रिप्स मिलीं.

जांच में पता चला कि ये प्रतिबंधित अल्प्राजोलम टैबलेट्स थीं. कुल 13,770 टैबलेट्स बरामद हुईं जिनका वजन करीब 1.515 किलोग्राम था. यह खेप सीकर के राहुल कुमावत ने अमेरिका के दीपक पटेल को भेजी थी. एनसीबी की इस कार्रवाई ने ड्रग रैकेट की जड़ें हिला दीं और अब अजय की गिरफ्तारी से पूरा नेटवर्क उजागर होने की उम्मीद है.

सराहनीय प्रयासों से मिली सफलता

इस ऑपरेशन में एजीटीएफ टीम की भूमिका काबिले तारीफ रही. कांस्टेबल गोपाल धाबाई और विजय सिंह ने सूचना जुटाने में मुख्य भूमिका निभाई. इंस्पेक्टर राम सिंह नाथावत के नेतृत्व में एसआई बनवारी लाल प्रताप सिंह हेड कांस्टेबल महेश सोमरा हेमंत शर्मा महावीर सिंह कांस्टेबल जितेंद्र देवेंद्र गंगाराम और चालक दिनेश शर्मा ने मिलकर काम किया. एडीजी दिनेश एमएन ने टीम की प्रशंसा की और कहा कि ऐसे प्रयासों से अपराध पर लगाम लगेगी.

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