Priyanka Gandhi Politics: सालों तक कांग्रेस की राजनीति करने वाले आचार्य प्रमोद कृष्णम को कुछ दिनों पहले पार्टी ने निष्कासित कर दिया है. राम मंदिर प्राण प्रतिष्ठा समारोह में कांग्रेस नेताओं के शामिल नहीं होने के फैसले का उन्होंने विरोध जताया था. इसके अलावा भी कई मामलों में आचार्य कृष्णम ने पार्टी लाइन से अलग राय रखी थी. पार्टी से निष्कासित होने के बाद अब आचार्य प्रमोद कृष्णम ने कांग्रेस नेता प्रियंका और राहुल गांधी के बारे में बड़ा बयान दिया है. आचार्य प्रमोद कृष्णम ने राहुल गांधी के रायबरेली से चुनाव लड़ने के फैसले को प्रियंका गांधी के खिलाफ बताया. एक न्यूज एजेंसी से खास बातचीत में कहा कि प्रियंका गांधी के खिलाफ पार्टी के भीतर एक साजिश हो रही है, जिसका वो शिकार हो रही हैं.
कांग्रेस के पूर्व नेता ने आगे कहा, “पार्टी का एक बड़ा धरा नहीं चाहता है कि प्रियंका गांधी संसद पहुंचें. इससे पहले भी आचार्य प्रमोद कृष्णम प्रियंका गांधी का खुलकर समर्थन कर चुके हैं. उन्होंने बीते दिनों प्रियंका गांधी को कांग्रेस से पीएम पद का उम्मीदवार बनाए जाने की मांग की थी.
उन्होंने कहा था, “प्रियंका एक काबिल नेता हैं. अब वो कहां से चुनाव लड़ेंगी और कहां से नहीं, यह तो उनका निजी फैसला है, लेकिन मुझे लगता है कि उन्हें पीएम मोदी के खिलाफ वाराणसी से ताल ठोकनी चाहिए, क्योंकि उनके अंदर पीएम मोदी को टक्कर देने की क्षमता है. वो एक काबिल नेता हैं.“
राहुल गांधी स्मृति ईरानी से डर गएः आचार्य प्रमोद कृष्णम
आचार्य प्रमोद कृष्णम ने राहुल गांधी के रायबरेली से चुनाव लड़ने के फैसले की खुलकर आलोचना की है. उन्होंने IANS से खास बातचीत में कहा कि राहुल गांधी स्मृति ईरानी से डर गए. इससे कांग्रेस के आम कार्यकर्ताओं के बीच गलत संदेश गया है. जो राहुल गांधी कहा करते थे कि डरो मत, आज वही राहुल गांधी डर गए.
आचार्य प्रमोद कृष्णम ने आगे कहा, “पब्लिक में कांग्रेस कार्यकर्ताओं में यह परस्पेशन था कि राहुल गांधी अमेठी से चुनाव लड़ेंगे और यह पहली बार हुआ है कि गांधी परिवार अमेठी, रायबरेली हारा, लेकिन सीट नहीं छोड़ी. संजय गांधी भी चुनाव हारे, लेकिन सीट नहीं छोड़ी, इंदिरा गांधी भी चुनाव हारी, लेकिन सीट नहीं छोड़ी. यह पहली बार हुआ है कि राहुल गांधी ने सीट छोड़ी है. इससे कांग्रेस कार्यकर्ताओं के बीच गलत संदेश गया है.“
राहुल का यह फैसला होगा आत्मघातीः आचार्य प्रमोद कृष्णम
आचार्य प्रमोद ने राहुल के फैसले पर कहा, “जब पब्लिक का परस्पेशन बदलता है, तो सब कुछ बदल जाता है. मुझे लगता है कि राहुल का यह फैसला आत्मघाती सिद्ध होगा, क्योंकि जब राहुल गांधी कांग्रेस कार्यकर्ताओं को एड्रेस करते थे, तो कहते थे डरो मत, पब्लिक मीटिंग को एड्रेस करते थे, तो कहते थे कि डरो मत, मीडिया से कहा करते थे कि डरो मत, तो जो व्यक्ति दूसरों से यह कहता था कि डरो मत, वो आज खुद डर गया. अब यह बड़ा सवाल बन चुका है कि राहुल गांधी इतने बड़े नेता हैं, लेकिन स्मृति ईरानी से कैसे डर गए.“
उन्होंने आगे कहा, “अब अगर उन्हें अमेठी से नहीं लड़ना था, तो देश की सबसे बड़ी सीट वाराणसी से प्रधानमंत्री मोदी के सामने लड़ना चाहिए था.“ वहीं, जब आचार्य से पूछा गया कि क्या राहुल के इस फैसले के पीछे कोई रणनीति है, तो इस पर उन्होंने दो टूक कह दिया कि कोई रणनीति नहीं है. इसके पीछे एक साजिश है, प्रियंका गांधी को संसद में जाने से रोकने की. पार्टी के भीतर एक बहुत बड़ी साजिश प्रियंका गांधी के खिलाफ हो रही है. उसका शिकार हुई हैं वो.“
इससे पहले शुक्रवार को कांग्रेस ने अपनी दो हाईप्रोफाइल सीट अमेठी और रायबरेली के लिए अपने प्रत्याशियों के नामों का ऐलान कर दिया. अमेठी में जहां पार्टी ने किशोरी लाल शर्मा को चुनावी मैदान में उतारा है, वहीं रायबरेली से राहुल गांधी पर दांव लगाया गया है.
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