Rajasthan News: भारत में पिछले एक साल में करीब 2 लाख बाल विवाह रोके गए, लेकिन अब भी देश में हर 5 में से 1 लड़की की शादी कानूनी उम्र (18 साल) से पहले कर दी जाती है. केंद्रीय महिला एवं बाल विकास मंत्री अन्नपूर्णा देवी ने बुधवार को यह जानकारी देते हुए कहा कि देश को इस बुराई से पूरी तरह मुक्त करना होगा.
बाल विवाह मुक्त भारत अभियान की शुरुआत
मंत्री ने ‘बाल विवाह मुक्त भारत अभियान' की शुरुआत करने के अवसर पर आयोजित कार्यक्रम को संबोधित करते हुए सभी राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों से 2029 तक बाल विवाह दर को पांच प्रतिशत से नीचे लाने के उद्देश्य से विशिष्ट कार्य योजनाएं बनाने का आग्रह किया.
300 जिलों पर होगा सबसे ज्यादा फोकस
‘बाल-विवाह मुक्त भारत अभियान' पश्चिम बंगाल, बिहार, झारखंड, राजस्थान, त्रिपुरा, असम और आंध्र प्रदेश पर विशेष तौर पर केंद्रित है, जहां पर इस तरह के मामले सबसे अधिक आते हैं. इसके तहत ऐसे करीब 300 जिलों पर भी ध्यान दिया जाएगा, जहां बाल विवाह की दर राष्ट्रीय औसत की तुलना में अधिक है.
'सिर्फ कानून से कुप्रथा खत्म नहीं होगी'
देवी ने कहा, ‘बाल विवाह हमारे सामने एक बड़ी चुनौती है और यह एक ऐसी कुप्रथा है जो लाखों लड़कियों की क्षमता को सीमित करती है. आज हमारे देश में हर पांच में से एक लड़की की शादी 18 वर्ष की आयु से पहले हो जाती है. बाल विवाह मानवाधिकार उल्लंघन के सबसे गंभीर रूपों में से एक है और कानून के तहत एक अपराध भी है. हालांकि बाल विवाह रोकथाम अधिनियम जैसे कानून महत्वपूर्ण हैं लेकिन हमें जागरूकता बढ़ाने पर भी ध्यान देना चाहिए, क्योंकि अकेले कानून से इस कुप्रथा का उन्मूलन नहीं हो सकता.'
दक्षिण एशिया में तेजी से घटे मामलेदेवी ने इस क्षेत्र में भारत द्वारा की गई प्रगति को रेखांकित करते हुए कहा कि दक्षिण एशिया में बाल विवाह की दर में आई तीव्र वैश्विक गिरावट में भारत का महत्वपूर्ण योगदान रहा है. आंकड़ों के मुताबिक गत एक वर्ष में करीब दो लाख बाल विवाह रोके गए हैं. इसके अतिरिक्त, संयुक्त राष्ट्र की एक रिपोर्ट के अनुसार बाल विवाह दरों में सबसे महत्वपूर्ण वैश्विक गिरावट दक्षिण एशियाई देशों में देखी गई है, और इस उपलब्धि में भारत की महत्वपूर्ण भूमिका है.'
बाल विवाह मुक्त भारत पोर्टल की शुरुआतबाल विवाह मुक्त भारत अभियान का उद्देश्य बाल विवाह का उन्मूलन करने के लिए सामूहिक प्रयास में विभिन्न हितधारकों को शामिल करना है. इस पहल की एक प्रमुख विशेषता बाल विवाह मुक्त भारत पोर्टल की शुरुआत है, जो जागरूकता बढ़ाने, मामलों की रिपोर्ट करने और प्रगति की निगरानी करने के लिए एक मंच है.
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