Prayagraj Mahakumbh 2025: महाकुंभ का पहला अमृत स्नान शुरू हो गया. हाथों में तलवार-त्रिशूल, डमरू और शरीर पर डमरू लेकर हर हर महादेव के उद्घोष के साथ नागा सन्यासी और साधु-संत संगम पहुंच गए. सभी अखाड़ों को स्नान के लिए अलग अलग समय दिया गया है. एक अखाड़े को क़रीब 40 मिनट का समय मिला है. सबसे पहले महा निर्वाणी और अटल अखाड़ा के साधु संत स्नान किए. सवेरे 6 बजकर 15 मिनट पर इन अखाड़ों के साधु-संतों ने संगम में डुबकी लगाई. क़रीब साढे नौ घंटे तक अमृत स्नान चलेगा. इस दौरान आम श्रद्धालु संगम में स्नान नहीं कर सकते हैं. उन्हें बाक़ी जगहों पर स्नान करने की छूट है. कल पौष पूर्णिमा के मौक़े पर क़रीब एक करोड़ 60 लाख लोगों ने स्नान क्रिया था.
ब्रह्म मुहूर्त
- ब्रह्म मुहूर्त – सुबह 5:27 मिनट से सुबह 6:21 मिनट तक रहेगा.
- महापुण्यकाल – सुबह 9:03 मिनट से 10:48 मिनट तक रहेगा.
- पुण्यकाल – सुबह 9:03 मिनट से शाम 5:46 मिनट तक रहेगा.
अमृत स्नान
- महाकुंभ में दूसरा अमृत स्नान 29 जनवरी मौनी अमावस्या 2025 को होगा.
- तीसरा अमृत स्नान 3 फरवरी बसंत पंचमी पर होगा.
- अमृत स्नान के दिन सबसे पहले नागा सन्यासी साधुओं का होता है. इसके बाद प्रमुख साधु संत स्नान करेंगे.
#WATCH प्रयागराज: मकर संक्रांति के शुभ अवसर पर त्रिवेणी संगम पर महाकुंभ के पहले अमृत स्नान के साथ महानिर्वाणी पंचायती अखाड़े के साधुओं ने पवित्र स्नान किया। pic.twitter.com/yInAK1KLty
— ANI_HindiNews (@AHindinews) January 14, 2025
"शाही स्नान के लिए देवी और देवताओं को भी दुर्लभ"
प्रयागराज के संगम तट पर महाकुंभ के पहले अमृत स्नान में श्री पंचायती अखाड़ा महानिर्वाणी और श्री शंभू पंचायती अटल अखाड़ा ने पहला स्नान किया. आचार्य महामण्डलेश्वर, श्रीपंचायती निरंजनी अखाड़ा स्वामी कैलाशानंद गिरि ने बताया, "... राजसी शाही स्नान देव दुर्लभ है, देवताओं को भी दुर्लभ है. आज सूर्य उत्तरायण होंगे इस तिथि की प्रतीक्षा देश के सभी संत करते हैं... भारतीय परंपरा में इस स्नान को लेकर बड़ा कौतूहल रहता है. इस स्नान को देखने के लिए देवता भी तरसते हैं... आज लगभग 3-4 करोड़ लोग पवित्र स्नान करेंगे. "
"अध्यात्मिक शक्ति को सहसूस कर रहा हूं"
महाकुंभ में शामिल होने आए जर्मन नागरिक थॉमस ने बताया, "मैं महाकुंभ मेले में भाग लेने आया हूं. अभी मैंने डुबकी नहीं लगाई है पर डुबकी लगाऊंगा. मुझे लगता है कि पानी ठंडा होगा लेकिन मैं कर लूंगा. मेले का आयोजन बहुत अच्छे से किया गया है और मेला बहुत बड़ा है. मैं यहां आध्यात्मिक शक्ति को महसूस करने और भारतीय लोगों से मिलने आया हूं."